हैल्लो दोस्तो ! आज हम ओजोन ह्रास (Ozone Depletion in Hindi,) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें। जिसमें हम ओजोन परत के ह्रास के मुख्य कारण, ओजोन परत के ह्रास से होने वाले दुष्प्रभाव, ओजोन परत ह्रास रोकने के उपाय आदि विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है। तो चलिए बढ़ते है आज के आर्टिकल की ओर।
ओजन परत क्या है ?
दोस्तो पृथ्वी के चारों और एक परत पाई जाती है जिसे पृथ्वी का रक्षा कवच कहा जाता है। क्योंकि यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है। और इन किरणों के दुष्प्रभाव से हमारी रक्षा करती है। इस परत को ही ओजन परत कहते है। चलिए अब जाने कि ओजोन परत ह्रास क्या है ?
ओजोन परत का ह्रास
बढ़ती हुई मानव आबादी तथा औद्योगीकरण से जिस प्रकार वातावरणीय प्रदूषण फैल रहे है, उसी प्रकार ओजोन परत का भी ह्रास हो रहा है। ओजोन परत एक सुरक्षा परत का कार्य करती है जो सूर्य तथा अन्तरिक्ष पिण्डों से आने वाली हानिकारक किरणों से हमारी पृथ्वी की रक्षा करती है। वैज्ञानिकों ने 1987 में यह स्पष्ट किया कि अण्टार्कटिका के ऊपर जो ओजोन परत इतनी कम हो गई है कि इसमें एक छिद्र हो गया है। इसी प्रकार के छोटे-छोटे छिद्र अन्य स्थानों पर भी देखे गये है। उत्तरी ध्रुव पर भी बसन्त ऋतु में इस प्रकार के छिद्र देखे गये।
ओजोन परत में छिद्र का आकार बढ़कर लगभग यूरोप के कुल आकार के बराबर हो गया है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने बताया है। कि इस परत की मोटाई में 2 प्रतिशत की कमी आयी है। ओजोन परत के ह्रास का मुख्य कारण मनुष्य की बढ़ रही सुख-सुविधा युक्त जीवन-यापन की प्रवृत्ति है। यदि इसी प्रकार से ओजोन परत की मोटाई में ह्रास होता रहा तो सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर पहुँचने लगेंगी, परिणामस्वरूप पृथ्वी पर जीवन की तबाही लगभग तय है।
ओजोन परत के ह्रास के मुख्य कारण
वैज्ञानिकों ने यह पूर्ण स्पष्ट कर दिया है कि ओजोन परत का ह्रास करने वाला प्रमुख कारक क्लोरो-फ्लोरो कार्बन्स है। जिनका उत्सर्जन एयर कण्डीशनर्स द्वारा, रेफ्रिजरेशन, फोम, रंग आदि उद्योगों द्वारा तथा जे.ट. वायुयानों द्वारा होता है। क्लोरो फ्लोरो कार्बन का प्रथम संश्लेषण अमेरिकी वैज्ञानिक डाॅ. थाॅमस मिजले ने 1930 में प्रस्तुत किया। यह रंगहीन, गंधहीन, विषहीन, लम्बे समय तक स्थाई रहने वाला सस्ता पदार्थ, शीतलीकरण उद्योग में उपयोग में लाया जाता है। इसका उपयोग फोम बनाने में, अग्निरोधी पदार्थों, अन्य औद्योगिक पदार्थों, औद्योगिक विलायकों और बिजली उद्योगों में व्यापक रूप से किया जाता है।
- हाइड्रो-क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, कार्बन टेट्राक्लोराइड, हेलोजन, मिथाइल क्लोरोफाॅर्म भी ओजोन परत को हानि पहुँचाते है।
- एक अनुमान के अनुसार 500 सुपरसोनिक विमानों का एक बेड़ा वर्ष भर में ऊपरी वायुमण्डल में इतना जल, कार्बन डाईऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड विसर्जित करता है कि समताप मण्डल के जल की मात्रा में 50 से 100 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। जिससे समतापमण्डल के ओजोन स्तर का कुछ भाग कम हो सकता है।
- अन्तरिक्ष यानों द्वारा जलाया गया ईंधन भी नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्पन्न करता है जो ओजोन को नष्ट करते है।
- नाभिकीय विस्फोट भी ओजोन परत को हानि पहुँचा रहे है।
- वृक्षों की अंधाधुंध कटाई भी ओजोन परत के ह्रास का एक कारण है।
ओजोन परत के ह्रास से होने वाले दुष्प्रभाव
जैसा कि विदित है ओजोन परत सूर्य की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके पृथ्वी पर इन्हें आने से रोकती है। यदि यह परत लगातार कम होती रहे या समाप्त हो जाए तो इसके निम्नलिखित घातक परिणाम होंगें –
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा।
- त्वचा कैंसर की सम्भावना बढ़ जाएगी।
- मनुष्य में त्वचा के ऊपरी कोशिकाएँ नष्ट होने लगेंगी।
- पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से आँखों में सूजन, घाव व मोतिया बिन्द हो जाएगा।
- समुद्री खाद्य शृंखला भी नष्ट हो सकती है।
- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया मंद हो जाएगी।
- वनस्पतियाँ नष्ट हो जाएँगी।
- मौसम में बदलाव आएगा और जलवायु प्रभावित होगी।
ओजोन ह्रास रोकने के उपाय
- ओजोन, परत को हानि पहुँचाने वाले सबसे घातक पदार्थ क्लोरो-फ्लोरो कार्बन और हेलोजन्स के उत्पादन को पूर्णतः बन्द कर देना चाहिए।
- ब्रोमीन यौगिकों के निर्माण तथा इनके उपयोग पर रोक लगा देनी चाहिए।
- विकसित राष्ट्रों द्वारा क्लोरो-फ्लोरो कार्बन के उत्पादन को बन्द करने की पहल की जानी चाहिए। क्योंकि इनके द्वारा क्लोरो फ्लोरो का सर्वाधिक उत्सर्जन किया जाता है।
- वायुमंण्डल में क्लोरीन के स्तर में कमी लाने के प्रयास करने चाहिए।
- कुछ ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए कि वायुमण्डल में नाइट्रोजन तथा क्लोरीन के ऑक्साइड न बन पायें।
- वृक्षों की कटाई पर रोक लगायी जानी चाहिए। तथा वृक्षारोपण कराया जाना चाहिए।
तो दोस्तो आज के आर्टिकल में हमने ओजोन ह्रास (Ozone Depletion in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करें..
धन्यवाद !
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