हेल्लो दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम प्रतिरक्षी की संरचना(Antibody Structure in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगें। जिसमें हम प्रतिरक्षी की संरचना को चित्र सहित विस्तार से समझेंगें। और प्रतिरक्षियों के प्रकार(Types of Antibodies in Hindi) के बारे में भी विस्तार से जानेंगें। इसी के साथ हम अंत में कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का भी अध्ययन करेंगें। तो चलिए दोस्तों आज के इस टाॅपिक को समझें।
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प्रतिरक्षी की संरचना और प्रकार
सर्वप्रथम हमारे लिए प्रतिरक्षी की संरचना को समझना बहुत ही जरूरी है। चूँकि किसी भी विषय के बारे में अध्ययन से पूर्व हमें उस विषय से संबंधित आम जानकारी होनी चाहिए।
प्रतिरक्षी की संरचना (Antibody Structure in Hindi)
दोस्तो प्रतिरक्षी का आकार अंग्रेजी के ‘Y’ अक्षर की तरह होता है। यह चार संरचनात्मक इकाईयों से मिलकर बनी होती है।
- दो भारी व बड़ी पाॅलिपेप्टाइड शृंखलाएँ
- दो हल्की व छोटी पाॅलिपेप्टाइड शृंखलाएँ
दोनों में से एक हल्की और एक भारी पाॅलिपेप्टाइड शृंखला मिलकर एक द्विलक बनाती है। जिसे HL द्विलक(HL Dimer) कहते है। जिसके बाद इस तरह बने हुए दो द्विलक मिलकर एक प्रतिरक्षी का निर्माण करते है। दूसरे शब्दों में कहे तो एक प्रतिरक्षी अणु दो समरूपी अर्धांशों से मिलकर बना होता है। दोनों अर्धांश आपस में डाइसल्फाइड बंध से संयोजित होते है। प्रत्येक अर्धांश एक H व एक L पाॅलिपेप्टाइड श्रृंखला से मिलकर बना होता है।
प्रत्येक भारी शृंखला 440 अमीनों अम्लों से तथा प्रत्येक हल्की शृंखला 220 अमीनों अम्लों से बनी होती है। भारी पाॅलिपेप्टाइड शृंखला पर कार्बोहाइड्रेट शृंखला जुड़ी रहती है।
इसमें प्रत्येक एक भारी व हल्की शृंखला दो भागों में विभक्त होती है –
- अस्थिर भाग
- स्थिर भाग
अस्थिर भाग (Variable Portion) :
यह भाग प्रतिजन क्रिया स्थल की तरफ होता है जो प्रतिरक्षी के NH2 अंश की तरफ पाया जाता है। जो प्रतिजन के साथ क्रिया करता है। इसे Fab भाग भी कहते है।
स्थिर भाग (Constant Portion) :
यह भाग शृंखला के COOH की तरफ होता है। इसे Fac भी कहते है।
अधिकतर प्रतिरक्षियों के ’Y‘ स्वरूप में दोनों भुजाओं के उदगम् स्थल लचीले होते हैं तथा कब्जे अथवा हिन्ज कहलाते है।
लचीला होने के कारण हिन्ज प्रतिरक्षी के अस्थिर भाग को प्रतिजन के छोट बड़े अणु समाहित कर अभिक्रिया करने में मदद करता है।
तो दोस्तों अब हम प्रतिरक्षियों के प्रकार के बारे में अध्ययन करेगें। जिसमें हम जानेंगें कि प्रतिरक्षी के कितने प्रकार है और प्रतिरक्षियों की उपस्थिति और कार्य क्या है ?
प्रतिरक्षियों के प्रकार (Antibody Types in Hindi)
दोस्तों प्रतिरक्षियों में पाँच प्रकार की भारी पाॅलिपेप्टाइड शृंखलाएँ पाई जाती है।
No. | प्रतिरक्षी का प्रकार | उपस्थित भारी पाॅलिपेप्टाइड शृंखला | संरचना | उपस्थिति | कार्य |
1. | IgG | ![]() | एकलकी | प्रमुख संवहनी प्रतिरक्षी, जो रक्त एवं अन्य द्रव्यों में उपस्थित | आंवल को पारकर भ्रूण तक पहुँचता है। |
2. | IgM | ![]() | पंचलक | प्रतिजन की अनुक्रिया से उत्पादित | प्रथम प्रकार की प्रतिरक्षी |
3. | IgA | ![]() | द्वितयी/द्विलक | माँ के दूध में पाया जाने वाला एक मात्र प्रतिरक्षीए , इसके अलावा लार व आंसू में | नवजात शिशु की प्रतिरक्षा |
4. | IgE | ![]() | एकलकी | प्राथमिक रूप से बेसोफिल तथा मास्टर कोशिकाओं पर क्रिया करता है। यह एलर्जी में हिस्सा लेती है। | |
5. | IgD | ![]() | एकलकी | ये एन्टी माइक्रोबियल कारकों के उत्पादन के लिए बेसोफिल तथा मास्ट कोशिकाओं को सक्रिय करती है। |
आइए अब जानते है कुछ विशिष्ट प्रतिरक्षा के चरण जो निम्न प्रकार है:
विशिष्ट प्रतिरक्षा के चरण (Steps of Specific Immunity) :
- अन्तर्निहित प्रतिजन तथा बाह्य प्रतिजन में विभेद करना
- बाह्य प्रतिजन की ऊपर व्याप्त एन्टीजनी की संरचना के अनुसार बी-लसीका कोशिकाओं (B-lymphocyte cells) द्वारा प्लाविक
- कोशिकाओं का निर्माण
- प्लाज्मा कोशिकाओं द्वारा विशिष्ट प्रतिरक्षियों का निर्माण
- प्रतिजन-प्रतिरक्षी: प्रतिक्रिया तथा कोशिका माध्यित प्रतिरक्षी द्वारा प्रतिजन का विनाश।
महत्वपूर्ण प्रश्न (Antibody Structure in Hindi Questions)
- प्लाविका कोशिका किस कोशिका का रूपांतरित स्वरूप है ?
उत्तर: बी. लसीका कोशिका
- प्रथम उत्पादित प्रतिरक्षी कौनसी है ?
उत्तर: IgM
- माँ के दूध में पाए जाने वाली प्रतिरक्षी कौन-सी है ?
उत्तर: IgA
- प्रतिरक्षी कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर: प्रतिरक्षी पाँच प्रकार के होते है: IgG, IgM, IgA, IgE, IgD
- कौन-सा प्रतिरक्षी आँवल को पार कर भ्रूण में पहुँच सकता है ?
उत्तर: IgG एकमात्र प्रतिरक्षी है जो आँवल को पार कर भ्रूण तक पहुँच सकता है।
- प्रतिरक्षी में हिन्ज का क्या कार्य होता है ?
उत्तर: हिन्ज प्रतिरक्षी के अस्थिर भाग को प्रतिजन के छोटे बड़े अणु समाहित कर अभिक्रिया करने में मदद करता है।
- स्वाभाविक प्रतिरक्षा के लिए कौन-से कारक सहायक होते है ?
उत्तर: भौतिक अवरोधक, कोशिका अवरोधक, रासायनिक अवरोधक
- कौनसी प्रतिरक्षी प्रत्युर्जता या ऐलर्जी क्रियाओं में हिस्सा लेती है ?
उत्तर: IgE
तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल समझ में आ गया होगा. जिसमे हमने एंटीबाडी की सरंचना(Antibody Structure) और एंटीबाडी के प्रकार(Types of Antibodies) को समझ . अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो इसे शेयर करे . और हमारे साथ जुड़े रहें .
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