दोस्तो ! क्या आपने कभी अपने मस्तिष्क(Brain in Hindi) के बारे में जानने का प्रयास किया है ? या कभी ऐसा सोचा है कि हमारा मस्तिष्क कैसे बना ? ये इतने सारे काम कैसे कर लेता है ? और क्या हमारे अन्दर मस्तिष्क के अलग-अलग भाग है ? तो दोस्तो ! इन सावालों को लेकर आपके मन में जिज्ञासा तो होगी ही। तो आज के आर्टिकल में हम इसी के बारे में चर्चा करेंगें। जिसमें हम मस्तिष्क(Brain) और मस्तिष्क के भिन्न भागों(Parts of Brain) के बारे में चर्चा करेंगें। तो चलिए बढ़ते है आज के आर्टिकल की ओर।
मस्तिष्क (Brain in Hindi)
दोस्तो मानव मस्तिष्क शरीर का एक केन्द्रीय अंग है जो सूचना विनिमय तथा आदेश व नियंत्रण का कार्य करता है। शरीर के विभिन्न कार्य कलापों जैसे तापमान, नियंत्रण, मानव व्यवहार, रूधिर परिसंचरण, श्वसन, देखने, सुनने, बोलने, ग्रन्थियों के स्त्रावण आदि को नियंत्रित करता है।
मनुष्य का मस्तिष्क ब्रह्माण्ड की सर्वाधिक जटिल एंव अत्यल्प ज्ञात संरचना है। मस्तिष्क लगभग एक खरब तंत्रिका कोशिकाओं से बना हुआ है। मस्तिष्क के प्रति घन सेन्टीमीटर में पायी जाने वाली कोशिका की लम्बाई 1600 किमी. होती है। मानव मस्तिष्क की प्रत्येक तंत्रिका कोशिका लगभग 100 से लेकर 10,000 अन्य तंत्रिका कोशिकाओं से संबंधित है। मानव मस्तिष्क का औसत भार 1350 ग्राम होता है। जबकि आयतन 1300 सीसी होता है। पुनरूद्भवन की सबसे ज्यादा क्षमता यकृत में व सबसे कम मस्तिष्क में होती है।
हमारा मस्तिष्क खोपड़ी के द्वारा सुरक्षित रहता है। मस्तिष्क के आवरण के बीच एक खाँच की तरह का द्रव्य भरा रहता है। जिसे मस्तिष्क मेरूद्रव्य कहते है।
तो दोस्तों अब हम जानने वाले है मस्तिष्क के विभिन्न अंगों के बारे में। जिन्हे आप ध्यान से पढ़े। ताकि आपके सभी संश्स्य दूर हो सके।
मस्तिष्क के भाग (Parts of Brain in Hindi)
मानव मस्तिष्क मुख्यत: तीन भागों में बंटा हुआ है।
- अग्रमस्तिष्क/अर्धगोला (Fore Brain)
- मध्य मस्तिष्क/अनुमस्तिष्क (Mid Brain)
- पश्च मस्तिष्क (Hind Brain)
अग्रमस्तिष्क/अर्धगोला (Fore Brain in Hindi)
मानव मस्तिष्क का दो-तिहाई भाग संरचना में वलयित होता है। इसका सतही क्षेत्रफल अन्य जंतुओं से अधिक होता है। अतः मनुष्य सर्वाधिक बुद्धिमान होता है। वलयी संरचना में उभार को गायरी तथा दो गायरियों के मध्य पाया जाने वाला धंसा हुआ भाग सल्कस कहलाता है। यह मानव मस्तिष्क में अन्य स्तनधारियों की अपेक्षा सर्वाधिक विकसित होता है। यह चेतनाशील होता है और सूचनाएँ संचित करता है।
प्रमस्तिष्क/सेरिब्रम
अग्र मस्तिष्क का यह भाग दो अर्धगोलाकार पालीनुमा संरचनाओं में पाया जाता है जिन्हें हेमिस्फेयर तथा कार्टेक्स से परिभाषित किया जाता है। इनकी आंतरिक संरचना में श्वेत द्रव पाया जाता है। जो धूसर द्रव के बाहरी आवरण से घिरा रहता है। इसका मुख्य कार्य सचेतनता के लिए उत्तरदायी होना है। इस कार्य के अलावा मस्तिष्क का यह भाग बुद्धि, तर्क, व्यक्तित्त्व, अधिगम, भावना एवं इच्छा आदि पर नियंत्रण रखता है।
डाइन सिफेलाॅन
यह सेरिब्रम के पिछले भाग में स्थित होता है। इसका स्थान सेरिब्रम तथा मध्यमस्तिष्क के बीच होता है। इसमें थैलेमस और हाइपोथैलेमस पाये जाते है। थैलेमस व्यक्ति में दर्द, गर्मी, सर्दी और अन्य वातावरण कारकों की पहचान का कार्य करता है। हाइपोथैलेमस शरीर के आंतरिक संवेगों जैसे – भूख, प्यास, ताप नियंत्रण, रक्तदाब नियंत्रण, पसीना, घृणा, गुस्सा, प्रेम आदि मनोभावों पर नियंत्रण के लिए उत्तरदायी है। इससे शरीर की प्रमुख अंतस्त्रावी ग्रंथि जुड़ी होती है, जिसका नियंत्रण हाइपौथेलेमस से होता है। हाइपौथैलेमस को हैडमास्टर ग्रंथि कहा जाता है। मानव में दृष्टि का कार्य अग्र मस्तिष्क करता है।
मध्य मस्तिष्क/अनुमस्तिष्क (Mid Brain in Hindi)
अग्र मस्तिष्क एवं पश्च मस्तिष्क के मध्य स्थित मस्तिष्क का यह भाग सेरिब्रम को मस्तिष्क के अन्य भागों एवं मेरूरज्जू से जोड़ता है। इसमें दृष्टि पिंड पाये जाते है। इसका मुख्य कार्य आंखों से आने वाली संवेगों पर निंयत्रण रखना है। आँख की पेशियों, दृष्टि के संवेदन, श्रवण संवेदन, गर्दन व धड़ की गति पर नियंत्रण इसी भाग का होता है।
पश्च मस्तिष्क (Hind Brain in Hindi)
पश्च मस्तिष्क तीन मुख्य संरचनाओं में विभाजित होता है –
- सेरीबेलम
- पोन्स
- मैड्यूला ऑब्लागेटा
सेरीबेलम
सेरिब्रम के समान यह धूसर रंग का होता है किन्तु अत्यधिक वलयित होता है। यह शरीर का गायरोस्कोप कहलाता है। यह शरीर की ऐच्छिक पेशियों पर नियंत्रण रखता है। शारीरिक गति से सभी क्रियाएँ इसके नियंत्रण रखता है। शारीरिक गति से सभी क्रियाएँ इसके नियंत्रण में होती है।
पोन्स
सेरीबेलम, मेरूरज्जु मस्तिष्क के अन्य भागों में मध्य समन्वयता बनाये रखता है। यह रिले स्टेशन की भाँति कार्य करता है।
मैड्यूला ऑब्लागेटा
यह मस्तिष्क का पश्च बेलनाकार भाग है। मस्तिष्क के सर्वाधिक सुरक्षित एवं जैविकीय भाग को मेड्यूला कहा जाता है। यह मुख्यतः हृदय स्पंदन, श्वसन दर, उपापचय, छिंक, खांसी, लार आना आदि अनैच्छिक क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है। यह चेतना, प्रवीणता सोच-विचार आदि के लिए उत्तरदायी है। यह भाग मस्तिष्क एवं मेरूरज्जु के मध्य तंत्रिका तंत्र की प्रेरणाओं के लिए संवहन मार्ग है।
महत्वपूर्ण प्रश्न
- सेरेब्रम किससे संबंधित है ?
(अ) यकृत (ब) अमाशय
(स) मस्तिष्क® (द) हृदय
- मनुष्य के मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग कौनसा है ?
(अ) प्रमस्तिष्क® (ब) अनुमस्तिष्क
(स) मध्यमस्तिष्क (द) उपरोक्त में से कोई नहीं
- थेलेमस भाग है –
(अ) अग्र मस्तिष्क का® (ब) मध्य मस्तिष्क का
(स) पश्च मस्तिष्क का (द) मेरुरज्जु का
- पोंस व मैड्यूला आब्लोंगेटा भाग हैं –
(अ) मध्य मस्तिष्क का
(ब) पश्च मस्तिष्क का®
(स) अग्र मस्तिष्क का
(द) परिधीय तंत्रिका तंत्र के
- केन्द्रिय तंत्रिका तंत्र में धूसर द्रव्य का श्वेत द्रव्य की स्थिति है –
(अ) मस्तिष्क में बाह्य अर्थात् काटेंक्स में धूसर द्रव्य, अन्दर की ओर श्वेत द्रव्य, मेरुरज्जू में अन्दर की ओर धूसर द्रव्य बाहर की ओर श्वेत द्रव्य®
(ब) मस्तिष्क व मेरुरज्जु दोनों में बाहर की ओर धूसर द्रव्य अन्दर की ओर श्वेत द्रव्य
(स) मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु में बाहर की ओर श्वेत द्रव्य भीतरी मध्यांश की ओर धूसर द्रव्य
(द) सभी कथन असत्य है।
- मस्तिष्क के आवरणों के बीच पाये जाने वाले द्रव का नाम लिखें। इसका एक प्रमुख कार्य लिखें।
उत्तर: मस्तिष्क मेरुद्रव
कार्य: मस्तिष्क की आघातों से रक्षा, पदार्थों के विनिमय में मदद करना।
- अग्रमस्तिष्क का कौन-सा भाग शरीर के ताप नियंत्रण तथा भूख प्यास की अनुभूति से संबंधित होता है ?
उत्तर: हाइपोथैलेमस
Parts of Hind Brain
- पश्च मस्तिष्क के तीन प्रमुख भागों के नाम लिखें –
उत्तर: अनुमस्तिष्क, पोंस तथा मध्यांश
- मनुष्य में मेरूरज्जू की लम्बाई क्या होती है ?
उत्तर: मनुष्य में मेरूरज्जु लगभग 45 सेमी लम्बा होता है।
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने मस्तिष्क (Brain) के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुझे आशा है कि आपको यह आर्टिकल पंसद आया होगा। तो दोस्तों अगर यह आर्टिकल आपको पंसद आया तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। और इसी तरह की बेहतर जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
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