Catalysis in Hindi – उत्प्रेरण | Types of Catalysis | Examples

Catalysis, Catalysis in Hindi

हेल्लो फ्रेंड्स आज की इस पोस्ट में हम उत्प्रेरण के बारे में अध्ययन करेंगें . जिसमें हम उत्प्रेरण (Catalysis in Hindi), उत्प्रेरण की परिभाषा (Catalysis definition), उत्प्रेरण के प्रकार (Types of Catalysis), उत्प्रेरक (Catalyst), उत्प्रेरक की परिभाषा (Catalyst Definition), उत्प्रेरक के प्रकार (Types of Catalyst) एवं अंत में हमारे मुख्य बिंदु उत्प्रेरण से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन करेंगे . इसी के साथ-साथ हम इससे सम्बन्धित Examples (Catalyst & Catalysis Examples) भी करेंगें .

उत्प्रेरण (Catalysis in Hindi)

Catalysis
Catalysis

Catalyst Definition

वह पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देता है परन्तु स्वयं द्रव्यमान और संघटन की दृष्टि से अभिक्रिया के अन्त में अपरिवर्तित रहता है, उत्प्रेरक  कहलाता है। और यह क्रिया उत्प्रेरण (Catalysis in Hindi) कहलाती है।

सर्वप्रथम 1835 में वर्जीलियस ने उत्प्रेरक पद का सुझाव दिया था। उन्होंने प्रयोगों के दौरान यह पाया कि कुछ बाहरी पदार्थों को यदि अभिक्रिया में मिला दिया जाता है, तो वह अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन कर देते है। तो चलिए इसे हम उदाहरण से समझते है।

उदाहरण: जब KClO3 से डाईऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए KClO3 को 653K(केल्विन) से 873K(केल्विन) की परास में गर्म करना होता है। तो निम्न उत्पाद बनता है।

KCl{ O }_{ 3 }\xrightarrow [ \quad \quad \quad \quad ]{ \quad 873K\quad } 2KCl+3{ O }_{ 2 }

यदि उपरोक्त अभिक्रिया में कुछ मात्रा ठोस MnO2 की मात्रा मिला दी जाती है। अर्थात् उत्प्रेरक के रूप में उक्त मात्रा को मिलाया जाता है। तो यह अभिक्रिया कम ताप (611K) पर ही सम्पन्न हो जाती है। और अभिक्रिया वेग में भी वृद्धि हो जाती है। विशेष प्रेक्षण यह है कि MnO2 अभिक्रिया में भाग नहीं लेता ओर न ही उसके द्रव्यमान या संघटन में परिवर्तन होता है।

2KCl{ O }_{ 3 }\xrightarrow [ \quad \quad \quad \quad ]{ \quad Mn{ O }_{ 2 }\quad } 2KCl+3{ O }_{ 2 }

Note: हमने इस से पूर्व भी उत्प्रेरक का अध्ययन किया है अतः उत्प्रेरण को अच्छे से समझने हेतु हम एक बार पुनः उत्प्रेरक को संक्षिप्त में समझ लेते है।

उत्प्रेरकों के प्रकार (Types of Catalyst in Hindi)

  • धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalyst)
  • ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative Catalyst)
  • स्वतः उत्प्रेरक (Auto Catalyst)
  • प्रेरित उत्प्रेरण (Induced Catalysis)

(1) धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalyst) 🙂

वे पदार्थ जिनकी उपस्थिति में रासायनिक अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है, तो ऐसे पदार्थों को धनात्मक उत्प्रेरक कहते है। इस प्रक्रिया को धनात्मक उत्प्रेरण कहते है।

उदाहरण के लिए:)

  • H2O2 का अपघटन-कोलाइडी च्ज की उपस्थिति में –

2H_{ 2 }O_{ 2 }\xrightarrow [ \quad \quad \quad \quad ]{ \quad Pt\quad } 2H_{ 2 }O+O_{ 2 }

  • डीकन विधि द्वारा क्लोरीन के निर्माण में Cucl2 उत्प्रेरक –

4HCl+O_{ 2 }\xrightarrow [ \quad \quad 45{ 0 }^{ o }C\quad \quad \quad ]{ CuC{ l }_{ 2(s) } } 2Cl_{ 2 }+2H_{ 2 }O

  • हैबर विधि में Fe व Mo का चूर्ण –

N_{ 2(g) }+3H_{ 2(g) }\xrightarrow [ 50{ 0 }^{ o }C ]{ F{ e }_{ (s) } } 2NH_{ 3(g) }

  • मेथिल ऐल्काॅहल का निर्माण -Zno/Cr2o3 की उपस्थिति में –

C{ O }_{ (g) }+2{ H }_{ 2(g) }\xrightarrow [ \quad C{ r }_{ 2 }{ O }_{ 3(s) }\quad ]{ \quad \quad Zn{ O }_{ (s) }\quad } C{ H }_{ 3 }{ OH }_{ (g) }

धनात्मक उत्प्रेरक की उपस्थिति से सक्रियण ऊर्जा का मान घट जाता है, जिससे क्रियाकारक के अधिक अणु उत्पाद में परिवर्तित हो जाते हैं और अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है। दूसरे शब्दों में ये उत्प्रेरक अभिक्रिया के मार्ग को ही बदल देते है, जिसमें कम सक्रियण ऊर्जा वाला मध्यवर्ती बनता है।

Positive Catalyst
Positive Catalyst

जहाँ
E = सक्रियण ऊर्जा
⇒E1 = सक्रियण ऊर्जा (उत्प्रेरक की अनुपस्थिति में)
E2 = सक्रियण उर्जा (उत्प्रेरक की उपस्थिति में)

(2) ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative Catalyst) 🙂

वे उत्प्रेरक जिनकी उपस्थिति में रासायनिक अभिक्रिया का वेग कम हो जाता है, ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते है। इस प्रक्रिया को ऋणात्मक उत्प्रेरण कहते है। इस प्रक्रिया को ऋणात्मक उत्प्रेरण कहते है। ऋणात्मक उत्प्रेरण को मंदक अथवा निरोधक कहते है।

ऋणात्मक उत्प्रेरक की उपस्थिति में सक्रियण ऊर्जा का मान बढ़ जाता है, जिससे अभिक्रिया का वेग कम हो जाता है।

उदाहरण के लिए 🙂

  • सोडियम सल्फाइड का आॅक्सीकरण ऐल्कोहाॅल की उपस्थिति में कम हो जाता है –

2N{ a }_{ 2 }S{ O }_{ 3(s) }+{ O }_{ (g) }\xrightarrow [ \quad \quad \quad \quad ]{ \quad Alcohol\quad } 2N{ a }_{ 2 }S{ O }_{ 4(s) }

यहाँ ऐल्कोहाॅल ऋणात्मक उत्प्रेरक है।

  • हाइड्रोजन पराक्साइड का ग्लिसरीन की उपस्थिति में अपघटन कम हो जाता है –

2{ H }_{ 2 }{ O }_{ 2(l) }\xrightarrow [ \quad ]{ { \quad \quad Glycerine }_{ (l) }\quad } 2{ H }_{ 2 }{ O }_{ (l) }+{ O }_{ 2(g) }

  • क्लोरोफार्म का आॅक्सीकरण ऐथिल ऐल्कोहाॅल की उपस्थिति में धीमा हो जाता है –

2CHC{ l }_{ 3(l) }+{ O }_{ 2(g) }\longrightarrow { 2COCl }_{ 2(l) }+2HC{ l }_{ (g) }

  • बैन्जैल्डिहाइड का आॅक्सीकरण डाईफेनिल एमीन की उपस्थिति में धीमा हो जाता है –

2{ C }_{ 6 }H_{ 5 }CHO+{ O }_{ 2 }\xrightarrow [ \quad ]{ \quad 2C_{ 6 }H_{ 5 }N{ H }_{ 2 }\quad } 2{ C }_{ 6 }{ H }_{ 5 }COOH

(3) स्वतः उत्प्रेरक (Auto Catalyst) 🙂

जब किसी अभिक्रिया में उत्पाद ही उत्प्रेरक का कार्य करता है तो उस पदार्थ को स्वतः उत्प्रेरक कहते है। जैसे –

  • एस्टर के जल अपघटन की दर प्रारम्भ में कम होती है। परन्तु कुछ समय बाद तीव्र हो जाती है, क्योंकि अभिक्रिया में उत्पन्न (CH3COOH) द्वारा जनित H+ आयन उत्प्रेरक का कार्य करते है।

CH_{ 3 }COOC_{ 2 }H_{ 5 }+H_{ 2 }O\xrightarrow [ \quad \quad ]{ \quad { \quad H }^{ + }\quad } CH_{ 3 }COOH+C_{ 2 }H_{ 5 }OH

  • निम्न अभिक्रिया में MnSO4 से प्राप्त Mn2+ आयन उत्प्रेरक का कार्य करते हैं –

5H_{ 2 }C_{ 2 }O_{ 4 }+2KMnO_{ 4 }+3H_{ 2 }SO_{ 4 }\longrightarrow K_{ 2 }SO_{ 4 }+2MnSO_{ 4 }+10CO_{ 2 }+8H_{ 2 }O

(4) प्रेरित उत्प्रेरण (Induced Catalysis) 🙂

जब एक रासायनिक अभिक्रिया दूसरी रासायनिक अभिक्रिया वेग को बढ़ाती है तो इसे प्रेरित उत्प्रेरण कहते है।

उदाहरण के लिए (Induced Catalysis Examples) 🙂

  • सोडियम सल्फाइड वायु द्वारा आॅक्सीकृत हो जाता है, परन्तु सोडियम आर्सेनाइट आॅक्सीकृत नहीं होता, यदि दोनों को मिला दिया जाये तो दोनों वायु द्वारा आॅक्सीकृत हो जाते हैं।

2Na_{ 2 }SO_{ 3 }+O_{ 2 }\xrightarrow [ \quad ]{ \quad Air\quad } 2Na_{ 2 }SO_{ 4 }

Na_{ 3 }As{ O }_{ 3(s) }+{ O }_{ 2(g) }\xrightarrow [ \quad ]{ \quad Air\quad } NoReaction

Na_{ 2 }SO_{ 3 }+Na_{ 3 }AsO_{ 3 }\longrightarrow 2Na_{ 2 }SO_{ 4 }+Na_{ 3 }AsO_{ 4 }

उत्प्रेरण के प्रकार (Types of Catalysis)

  • समांगी उत्प्रेरण (Homogeneous Catalysis)
  • विषमांगी उत्प्रेरक (Heterogeneous Catalysis)

(1) समांगी उत्प्रेरण (Homogeneous Catalysis) 🙂

यदि क्रियाकारक, क्रियाफल व उत्प्रेरक की प्रावस्था समान हो, तो वह समांग उत्प्रेरण अभिक्रिया कहलाती है। तथा उत्प्रेरक, समांग उत्प्रेरक कहलाता है। समान प्रावस्थाएँ दो ही दशाओं में संभव होता है जैसे –

🙂 जबकि अभिकारक, उत्पाद और उत्प्रेरक प्रत्येक गैसीय अवस्था में हो।
🙂 जबकि अभिकारक, उत्पाद और उत्पे्ररक प्रत्येक घुलनशील द्रव हो।

  • सुक्रोस के जल अपघटन की अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल, उत्प्रेरक तथा क्रियाकारक दोनों विलयन अवस्था में है।

{ C }_{ 12 }{ H }_{ 22 }{ O }_{ 11 }+H_{ 2 }O+[H_{ 2 }SO_{ 4 }]\longrightarrow C_{ 6 }H_{ 12 }O_{ 6 }+C_{ 6 }H_{ 12 }O_{ 6 }+[H_{ 2 }SO_{ 4 }]

  • मेथिलऐसीटेट का जल अपघटन भ़् आयन द्वारा उत्प्रेरित होता है –

CH_{ 3 }COOCH_{ 3 }+H_{ 2 }O+[HCl]\longrightarrow CH_{ 3 }COOH+CH_{ 3 }OH+[HCl]

  • 2CO_{ (g) }+O_{ 2(g) }+[NO_{ (g) }]\longrightarrow 2CO_{ 2(g) }+[NO_{ (g) }]
  • 2SO_{ 2(g) }+O_{ 2(g) }+[NO_{ (g) }]\longrightarrow 2SO_{ 3(g) }+[NO_{ (g) }]

यहाँ उत्प्रेरक को वर्ग कोष्ठक में दर्शाया गया है।

समांगी उत्प्रेरण की क्रियाविधि – माध्यमिक यौगिक सिद्धान्त 🙂

इस धारण के अनुसार उत्प्रेरक, किसी एक क्रियात्मक के साथ माध्यमिक या मध्यवर्ती यौगिक बना लेता है। यह माध्यमिक यौगिक अस्थाई होता है जो अन्य अभिकारक से क्रिया कर उत्पाद बना कर मुक्त हो जाता है। इस अभिक्रिया A+B→AB अत्यन्त धीमी गति से सम्पन्न होती है जो X उत्प्रेरक की उपस्थिति में आसानी से होती है।

\because A+X\longrightarrow AX

AX+B\longrightarrow AB+X

मध्यवर्ती AX के निर्माण में कम सक्रियण उर्जा की आवश्यकता होती है अभिक्रिया तीव्र गति से सम्पन्न हो जाती है।

उदाहरण के लिए 🙂

  • SO_{ 2 }+\frac { 1 }{ 2 } { O }_{ 2 }\xrightarrow [ \quad ]{ \quad  NO \quad } SO_{ 3 }अभिक्रिया में NO+\frac { 1 }{ 2 } { O }_{ 2 }\xrightarrow [ \quad ]{ \quad \quad \quad \quad } NO_{ 2 } एवं माध्यमिक यौगिक

SO_{ 2 }+NO_{ 2 }\longrightarrow SO_{ 3 }+NO

  • 2C_{ 2 }H_{ 5 }OH\xrightarrow [ \quad ]{ \quad { H }_{ 2 }S{ O }_{ 4\quad } } C_{ 2 }H_{ 5 }OC_{ 2 }H_{ 5 }+H_{ 2 }O

C_{ 2 }H_{ 5 }OH+H_{ 2 }SO_{ 4 }\longrightarrow C_{ 2 }H_{ 5 }HSO_{ 4 }+H_{ 2 }O

C_{ 2 }H_{ 5 }HSO_{ 4 }+HOC_{ 2 }H_{ 5 }\longrightarrow C_{ 2 }H_{ 5 }OC_{ 2 }H_{ 5 }+H_{ 2 }SO_{ 4 }

माध्यमिक यौगिक सिद्धान्त द्वारा निम्नांकित तथ्यों का स्पष्टीकरण नहीं किया जा सकता है।

विषमांगी उत्प्रेरक (Heterogeneous Catalysis) 🙂

जब क्रियाकारक, क्रियाफल तथा उत्प्रेरक विभिन्न भौतिक प्रावस्थाओं में हो तो वह अभिक्रिया विषमांग उत्प्रेरण अभिक्रिया कहलाती है तथा उत्प्रेरक विषमांग उत्प्रेरक कहलाता है।

उदाहरण:)

  • अमोनिया की हैबर विधि (The Haber Process for the manufacture of ammonia) –

N_{ 2(g) }+3H_{ 2(g) }+[Fe+Mo]_{ (s) }\longrightarrow 2NH_{ 3(g) }+[Fe+Mo]_{ (s) }

  • H2SO4 की सम्पर्क विधि (Contact method) –

2SO_{ 2(g) }+O_{ 2(g) }+[Pt]_{ (s) }\longrightarrow 2SO_{ 3(g) }+[Pt]_{ (s) }

  • HNO3 की ओस्टवाल्ड विधि (Ostwald Process) –

4NH_{ 3(g) }+5O_{ 2(g) }+[Pt]_{ (s) }\longrightarrow 4NO_{ (g) }+6H_{ 2 }O_{ (g) }+[Pt]_{ (s) }

  • तेलों के हाइड्रोजनीकरण में (Catalyst used for Hydrogenation of Oils) –

वनस्पति तेल(जलीय) +H_{ 2(g) }+[Ni]_{ (s) }\longrightarrow वनस्पति घी +[Ni]_{ (s) }

  • प्रोपीन के बहुलीकरण में (जिंगलर नाटा उत्प्रेरक) –

nC_{ 3 }H_{ 6(g) }+[R_{ 3 }Al+TiCl_{ 4 }]_{ (s) }\longrightarrow [C_{ 3 }H_{ 6(g) }]_{ n }+[R_{ 3 }Al+TiCl_{ 4 }]_{ (s) }

ट्राइऐल्किल ऐल्युमिनियम व टाइटेनियम क्लोराइड (R3Al+TiCl4) के मिश्रण को जिंगलर-नाटा उत्प्रेरक कहते है।

  • ओस्टवाल्ड प्रक्रम में प्लेटिनम गाॅज की उपस्थिति में अमोनिया का नाइट्रिक आॅक्साइड में आॅक्सीकरण –

4NH_{ 3(g) }+5O_{ 2(g) }+[Pt]_{ (s) }\longrightarrow4NO_{ (g) }+6H_{ 2 }O_{ (g) }+[Pt]_{ (s) }

अमोनिया और H2 गैस प्रावस्था में है जबकि उत्प्रेरक ठोस अवस्था में है।

उत्प्रेरण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions Related to Catalysis) 🙂

  • उत्प्रेरक किसे कहते है ?
    उत्तर: वे पदार्थ जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपस्थित रहने पर रासायनिक अभिक्रिया का वेग परिवर्तित कर दे तथा अभिक्रिया के अन्त में उसकी रासायनिक संघटन और द्रव्यमान में कोई अन्तर नहीं आता हैं, उत्प्रेरक कहलाते है, इस क्रिया को उत्प्रेरण कहते है।

 

  • उत्प्रेरक व क्रियाकारकों की भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरण कितने प्रकार के होते हैं ?
    उत्तर: दो, सामांगी उत्प्रेरण व विषमांगी उत्प्रेरण

 

  • धनात्मक उत्प्रेरक सक्रियण ऊर्जा को बढ़ाते है या घटाते हैं ?
    उत्तर: सक्रियण ऊर्जा को कम कर देते है।

 

  • दो ऋणात्मक उत्प्रेरकों के नाम दीजिए –
    उत्तर: H2O2 के अपघटन से ग्लिसरीन
    Na2SO3 के आॅक्सीकरण में ऐल्काॅहल

Catalysis in Hindi

  • एक स्वतः उत्प्रेरक की रासायनिक अभिक्रिया दीजिए –
    उत्तर: 5H_{ 2 }C_{ 2 }O_{ 4 }+2KMnO_{ 4 }+3H_{ 2 }SO_{ 4 }\longrightarrow K_{ 2 }SO_{ 4 }+2MnSO_{ 4 }+10CO_{ 2 }+8H_{ 2 }O
    यहाँ Mn2+ स्वतः उत्प्रेरक का कार्य करता है।

 

  • हैबर विधि में कौनसा उत्प्रेरक और वर्धक प्रयुक्त होता है ?
    उत्तर: Fe(उत्प्रेरक) व Mo(वर्धक)

 

  • उत्प्रेरक विष या प्रतिउत्प्रेरक किसे कहते हैं ?
    उत्तर: वे पदार्थ जो किसी उत्पे्ररक की उत्प्रेरण की क्षमता को नष्ट कर देते है, उत्प्रेरक विष या प्रतिउत्प्रेरक कहलाते है।

 

  • समांगी उत्प्रेरण किस सिद्धान्त पर आधारित हैं ?
    उत्तर: माध्यमिक यौगिक सिद्धांत पर आधारित है।

 

  • विषमांगी उत्प्रेरण में प्रयुक्त सिद्धान्त का नाम क्या है ?
    उत्तर: अधिशोषण सिद्धान्त पर आधारित है।

Ziegler Natta Catalyst

  • जिग्लर नाटा उत्प्रेरक किसे कहते है ?
    उत्तर: R2Al+TiCl4 का मिश्रण।

 

  • दो औद्योगिक प्रक्रियाएँ बताइए जिनमें विषमांगी उत्प्रेरक प्रयुक्त होता है –
    उत्तर: हाॅबर विधि से अमोनिया का निर्माण
    सम्पर्क विधि से H2SO4 का निर्माण

तो दोस्तो मुझे आशा की आज का यह टॉपिक (Catalysis in Hindi) आपको समझ में आ गया होगा . हम आगे की कुछ अन्य पोस्ट में भी इसी टॉपिक पर चर्चा करेंगें . अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ में जरुर शेयर करें और कमेंट बॉक्स में अपना कीमती सुझाव जरुर देवे .

धन्यवाद !

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