हेल्लो फ्रेंड्स आज की इस पोस्ट में हम उत्प्रेरक (Catalyst in Hindi) के बारे में अध्ययन करेंगे . जिसमें हम उत्प्रेरक क्या होता है (what is catalyst), उत्प्रेरक की परिभाषा(catalyst definition chemistry), उत्प्रेरक के प्रकार(types of catalyst), उत्प्रेरक के गुण(Properties of Catalyst) एवं अंत में उत्प्रेरक से सबंधित कुछ महत्वपूर्ण विषयों के बारे में चर्चा करेंगे .
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उत्प्रेरक (Catalyst in Hindi)
वे पदार्थ जो रासायनिक अभिक्रिया में स्वयं अपरिवर्तित रहते हैं परन्तु अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देते है, उत्प्रेरक (Catalyst in Hindi) कहलाते है। तथा इस घटना को उत्प्रेरण (Catalysis in Hindi) कहते है।
वनस्पतिक तेल वनस्पति घी
यहाँ पोटेशियम क्लोरेट का तापीय अपघटन उत्प्रेरक मैगनीज डाई आॅक्साइड(MnO2) को मिलाने पर कम ताप पर ही होेने लगता है। उपरोक्त अभिक्रियाओं में MnO2 व चूर्णित Ni धातु उत्प्रेरक का कार्य करते है।
उत्प्रेरकों की क्रिया, अवस्था आदि के आधार पर इन्हें अनेक प्रकारों में बाँटा गया है-
अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक के प्रकार (Types of Catalyst) 🙂
भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक दो प्रकार के होते है।
- समांगी उत्प्रेरक (Homogeneous Catalyst
- विषमांगी उत्प्रेरक (Heterogeneous Catalyst)
(1) समांगी उत्प्रेरक (Homogeneous Catalyst) 🙂
जब रासायनिक अभिक्रियाप में उत्प्रेरक, अभिकारक एवं उत्पाद तीनों समान भौतिक अवस्था में होते है तो उत्प्रेरक समांगी उत्प्रेरक कहलाता है। तथा क्रिया समांगी उत्प्रेरण कहलाती है।
उदाहरण –
जहाँ
= मेथिल एसीटेट
= इड्राॅजन परआॅक्साइड
= एसीटिक अम्ल
= मेथिल एल्कोहाॅल
= सल्फर डाईआॅक्साइड
= सम्फर ट्राईआॅक्साइड
(2) विषमांगी उत्प्रेरक (Heterogeneous Catalyst) 🙂
जब रासायनिक अभिक्रियाओं में अभिकारक एवं उत्प्रेरक की भैतिक अवस्था भिन्न-भिन्न होती है। तो उत्प्रेरक को विषमांगी उत्प्रेरक कहते है। तथा क्रिया विषमांगी उत्प्रेरण कहलाती है।
उदाहरण –
वनस्पतिक तेल(Liquid) वनस्पति घी(Solid)
इस अभिक्रिया में उत्प्रेरक सूक्ष्म विभाजित निकल धातु (Ni) की उपस्थिति मंे वनस्पतिक तेलों को हाइड्रोजनीकरण करके वनस्पति घी बनाया जाता है। यहाँ तेल द्रव अवस्था में, H2 गैसीय अवस्था में, Ni तथा घी ठोस अवस्था में है।
क्रिया के आधार पर उत्प्रेरकों के प्रकार:)
रायानिक अभिक्रियाओं के आधार पर उत्प्रेरकों को चार भागों में बाँटा गया है।
- धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalyst)
- ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative Catalyst)
- स्वतः उत्प्रेरक (Auto Catalyst)
- जैव उत्प्रेरक (Bio Catalyst)
(1) धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalyst) 🙂
ऐसे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया का वेग बढ़ा देते हैं, धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते है।
उदाहरण –
जहाँ
= पोटेशियम क्लोरेट
= पोटेशियम क्लोरोइड
= ऑक्सीजन
(2) ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative Catalyst) 🙂
वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम कर देते है, ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते है।
उदाहरण –
यहाँ ग्लिसराॅल की उपस्थिति में के अपघटन की दर कम हो जाती है।
जहाँ
= क्लोरोफार्म
= फाॅस्जीन
क्लोरोफार्म वायु की ऑक्सीजन से स्वतः ही ऑक्सीकृत होकर विषैली गैस फाॅस्जीन बनाती है। इस अभिक्रिया की गति को मंद करने के लिए इसमें थोड़ी मात्रा में एथेनाॅल () मिलाते है।
(3) स्वतः उत्प्रेरक (Auto Catalyst) 🙂
जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में बनने वाला उत्पाद स्वयं ही उत्प्रेरक का कार्य करता है अर्थात् अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देता है तो वह उत्पाद स्वतः उत्प्रेरक कहलाता है।
उदाहरण –
जहाँ
= एथिल एसीटेट
= एसीटिक अम्ल
= एथेनाॅल
यहाँ प्रारम्भ में अभिक्रिया धीमी गति से होती है परन्तु उत्पाद एसीटिक अम्ल के कुछ मात्रा में बनने के बाद अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है। यहाँ अभिक्रिया में एसीटिक अम्ल स्वतः उत्प्रेरक का कार्य करता है।
(4) जैव उत्प्रेरक (Bio Catalyst) 🙂
वे उत्प्रेरक जो जैव रासायनिक अभिक्रियाओं की गति को बढ़ा देते है, उन्हें जैव उत्प्रेरक कहते है। इन्हें एन्जाइम भी कहा जाता है।
एन्जाइम नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक यौगिक होते है जो भिन्न-भिन्न जैव रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए अलग-अलग होते है।
उदाहरण –
माल्टोज ग्लूकोज
जहाँ
= यूरिया
= अमोनिया
= कार्बन डाईआॅक्साइड
रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को प्रवाहित करने वाले पदार्थ
कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जिन्हे अभिक्रिया मिश्रण में उत्प्ररेक के साथ मिला देने पर उत्प्रेरक की क्रियाशीलता पर प्रभाव डालते है। ये दो प्रकार के होते है।
(1) उत्प्रेरक वर्धक (Catalyst Promoter) 🙂
वे पदार्थ जो अभिक्रिया मिश्रण में उत्प्रेरक के साथ मिलाने पर उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ा देते है, उन्हें उत्प्रेरक वर्धक कहलाते है।
उदाहरण –
यहाँ Mo (मोलिब्डेनम चूर्ण) उत्प्रेरक Fe (आयरन) की क्रियाशीलता को बढ़ा देता है जिससे अभिक्रिया गति और अधिक हो जाती है।
वनस्पति तेल(जलीय) वनस्पति घी(ठोस)
यहाँ Ni चूर्ण उत्प्रेरक काॅपर (Cu) की क्रियाशीलता को बढ़ा देता है अर्थात् उत्प्रेरक वर्धक है।
(2) उत्प्रेरक विष (Catalyst Poison) 🙂
वे पदार्थ जो अभिक्रिया मिश्रण में मिलाने पर उत्प्रेरक की क्रियाशीलता कम कर देते हैं, उत्प्रेरक विष कहलाते है।
उदाहरण –
इस अभिक्रिया में कार्बन मोनोआॅक्साइड(CO) गैस मिलाने पर उत्प्रेरक आयरन(Fe) की क्रियाशीलता कम हो जाती है। अतः CO उत्प्रेरक विष का काम करता है।
उत्प्रेरक के गुण (Properties of Catalyst) 🙂
- ⇒उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते है, परन्तु स्वयं अपरिवर्तित रहते है।
- उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया के वेग में परिवर्तन कर देते है।
- रासायनिक अभिक्रिया में उत्प्रेरक की सूक्ष्म मात्रा ही पर्याप्त होती है।
- प्रत्येक रासायनिक अभिक्रिया के लिए विशिष्ट उत्प्रेरक का प्रयोग करते है।
- अभिक्रिया का ताप परिवर्तित करने पर उत्प्रेरक की क्रियाशीलता प्रभावित होती है।
- उत्प्रेरक एक निश्चित ताप पर ही अधिक क्रियाशील होता है।
- उत्प्रेरक अभिक्रिया को प्रारम्भ नहीं करता है। केवल उसके वेग को बढ़ाता है।
- उत्क्रमणीय अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक अग्र व प्रतीप दोनों अभिक्रियाओं के वेग को समान रूप से प्रभावित करता है।
उत्प्रेरक से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Question Related to Catalyst) 🙂
- एन्जाइम होते हैं-
उत्तर: जैव उत्प्रेरक को ही एन्जाइम कहते है।
- वनस्पतिक तेल को वनस्पतिक घी में परिवर्तित करने वाले उत्प्रेरक का नाम बताइये-
उत्तर: निकल चूर्ण (Ni) तथा काॅपर (Cu)
- अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक कितने प्रकार के होते है? नाम लिखें।
उत्तर: अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक दो प्रकार के होते है:
समांगी उत्प्रेरक
विषमांगी उत्प्रेरक
- क्रिया के आधार पर उत्प्रेरक कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखें।
उत्तर: क्रिया के आधार पर उत्प्रेरक चार प्रकार के होते है:
धनात्मक उत्प्रेरक
ऋणात्मक उत्प्रेरक
स्वतः उत्प्रेरक
जैव उत्प्रेरक
- रासायनिक अभिक्रियाओं में उत्प्रेरक को प्रभावित करने वाले उत्प्रेरकों के नाम लिखें-
उत्तर: उत्प्रेरक विष एवं उत्प्रेरक वर्धक
- उत्प्रेरक वर्धक व उत्प्रेरक विष का क्या कार्य हैं?
उत्तर: उत्प्रेरक वर्धक अभिक्रिया मिश्रण में उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ा देते हैं तथा उत्प्रेरक विष उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को कम कर देते है। जिसका प्रभाव अभिक्रिया के वेग पर पड़ता है।
- किसी अभिक्रिया में उत्प्रेरक का क्या कार्य होता है?
उत्तर: उत्प्रेरक रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम या ज्यादा करता है। यह उत्प्रेरक व अभिक्रिया पर निर्भर करता है।
Homogeneous Meaning in Hindi
- समांगी उत्प्रेरक की परिभाषा लिखें-
उत्तर: वह अभिक्रिया जिसमें अभिकारक, उत्प्रेरक एवं उत्पाद, तीनों की अवस्था एक समान हो, उन्हे समांगी उत्प्रेरक कहते है।
- विषमांगी उत्प्रेरक की परिभाषा लिखें –
उत्तर: वह अभिक्रिया जिसमें अभिकारक, उत्प्रेरक एवं उत्पाद, तीनों की अवस्था भिन्न-भिन्न हो, उन्हे विषमांगी उत्पे्ररक कहते है।
Catalyst Meaning in Hindi
- उत्प्रेरक किसे कहते है?
उत्तर: वे पदार्थ जो अभिक्रिया के वेग को परिवर्तित कर देते है अर्थात् या तो अभिक्रिया वेग को बढ़ा देते है या अभिक्रिया वेग को कम कर देते है। एवं स्वयं अपरिवर्तित रहते है। उन्हें उत्प्रेरक (Catalyst in Hindi) कहते है।
- समांगी एवं विषमांगी उत्प्रेरक में अन्तर लिखें –
उत्तर: समांगी उत्प्रेरक में अभिक्रिया में उपस्थिति समस्त कारकों (अभिकारक, उत्प्रेरक एवं उत्पाद) की अवस्था एक समान होती है। जबकि विषमांगी उत्प्रेरक में अभिक्रिया के सभी कारकों की अवस्था मंे अन्तर होता है/भिन्न-भिन्न होती है।
- समांगी उत्प्रेरक एवं विषमांगी उत्प्रेरक का उदाहरण लिखे –
उत्तर: समांगी उत्प्रेरक:
विषमांगी उत्प्रेरक:
वनस्पतिक तेल(Liquid)वनस्पति घी(Solid)
- धनात्मक उत्प्रेरक की परिभाषा लिखें –
उत्तर: वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ाते है, धनात्मक उत्प्रेरक कहलाते है।
Catalyst in Hindi
- ऋणात्मक उत्प्रेरक की परिभाषा लिखें –
उत्तर: वे उत्प्रेरक जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम कर देते है, ऋणात्मक उत्प्रेरक कहलाते है।
- स्वतः उत्प्रेरक की परिभाषा लिखें –
उत्तर: जब रासायनिक अभिक्रिया में बना उत्पाद स्वयं ही उत्प्रेरक के रूप में व्यवहार करता है/कार्य करता है तो उसे स्वतः उत्प्रेरक कहते है।
- स्वतः उत्प्रेरक का एक उदाहरण लिखें –
उत्तर: स्वतः उत्प्रेरक:
Bio Catalyst
- जैव उत्प्रेरक की परिभाषा लिखें –
उत्तर: रासायनिक अभिक्रियाओं के वेग/गति को बढ़ाने वाले उत्प्रेरक, जैव उत्प्रेरक कहलाते है।
- उत्प्रेरक वर्धक एवं उत्प्रेरक विष में अन्तर स्पष्ट करें –
उत्तर:
क्र. सं. | उत्प्रेरक वर्धक | उत्प्रेरक विष |
(1) | उत्प्रेरक वर्धक पदार्थ अभिक्रिया में उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ाते है। | उत्प्रेरक विष पदार्थ अभिक्रिया में उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को कम करते है। |
(2) | ये केवल उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ाते है। स्वयं उत्प्रेरक नहीं होते। | ये केवल उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को कम करते है। स्वयं उत्प्रेरक नहीं होते। |
(3) | अभिक्रिया की गति को बढ़ाते है। | अभिक्रिया की गति को कम करते है। |
(4) | अभिक्रिया में बनने वाले उत्पाद की मात्रा को बढ़ा देते है। | अभिक्रिया में बनने वाले उत्पाद की मात्रा को कम कर देते है। |
- भौतिक अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर: दो भागों में।
अवस्था के आधार पर
क्रिया के आधार पर
Enzyme catalyst
- एन्जाइम उत्प्रेरक किस प्रकार के उत्प्रेरक है?
उत्तर: प्रभावी
तो दोस्तो आपको ये पोस्ट जरूर अच्छी लगी होगी . अगर आपका कोई प्रशन है तो उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिख देवे . और इस पोस्ट को अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करें ताकि वे भी इसका लाभ उठा सके .
धन्यवाद !
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