हैल्लो दोस्तो, आज के आर्टिकल में हम सीएनजी(CNG) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें। जिसमें हम CNG Full Form in Hindi, CNG का पूरा नाम क्या है(Cng ka pura naam kya hai), CNG के गुण, CNG कैसे काम करती है, CNG के उपयोग(Cng ke upyog), CNG के फायदे(Cng ke fayde), CNG में कौन-कौनसे पदार्थ होते है, CNG का आविष्कार किसने किया(Cng ka avishkar kisne kiya) इत्यादि का अध्ययन करेंगें। तो चलिए बढ़ते है आज के आर्टिकल की ओर…CNG in Hindi
Table of Content
CNG क्या है – What is CNG

दोस्तों CNG एक प्रकार की गैंस है। जिसे संपीडित प्राकृतिक गैंस भी कहा जाता है। जो वायु से भी हल्की होती है। जिसमें मीथेन गैंस का एक बड़ा हिस्सा पाया जाता है। CNG को वायु में मिलाने के बाद, यह शक्ति इंजन को भी चलाने में भी सक्षम है। इसे पेट्रोल, डीजल या प्रोपेन/LPG के स्थान पर उपयोग में लाया जाता है। क्योंकि यह अन्य पेन्ट्रोलियम पदार्थ जैसे पेट्रोल, डीजल इत्यादि से कम अवांछनिय पदार्थों का उत्पादन करती है। इसलिए यह पर्यावरण हितेषी गैंस मानी जाती है।
CNG Full Form in Hindi

- CNG Full Form in Hindi : संपीडित प्राकृतिक गैंस
- CNG Full Form in English : Compressed Natural Gas
CNG गैंस को संपीडित करके तैयार किया जाता है। इसलिए इसे संपीडित प्राकृतिक गैंस कहा जाता है।
CNG Meaning in Hindi
⇒ CNG = Compressed Natural Gas
- Compressed = संपीडित
- Natural = प्राकृतिक
- Gas = गैंस
CNG के गुण
- CNG रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन यौगिक है।
- यह हवा से 40 प्रतिशत तक हल्की होती है।
- इसमें नाॅनकोरोसिव और नाॅनटाॅक्सीक गुण होते है।
- इसका उपयोग प्राथमिक रूप से ऑटोमोबाइल में गैसोलीन के रूप में होता है।
- CNG का मुख्य घटक मीथेन है।
- यह कुछ ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन किरती है।
- CNG तेज ज्वाला और तापमान के साथ जलती है।
- यह वायु में बहुत जल्दी से बिखर जाती है। इसलिए यह कम नुकसानदायक होती है।
- CNG मुख्य रूप से प्राकृतिक गैस कुओं, कोयला कुओं या तेल कुओं से प्राप्त की जाती है।
- यह अन्य पेन्ट्रोलियम पदार्थों जैसे पेट्रोल/डीजल के प्रतिस्थापन में भी उपयोग में लाई जा सकती है।
CNG कैसे काम करती है – How CNG Works
दोस्तों जब CNG को दहन कक्ष में प्रवेश करवाया जाता है। तब यह वायु के साथ मिश्रित होता है। तभी इसे एक चिंगारी के द्वारा प्रज्वलित बनाया जाता है। जिससे दहन कक्ष में एक विस्फोट होता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसी ऊर्जा से वाहन आगे बढ़ पाता है।
CNG के उपयोग – Uses of CNG
CNG का उपयोग अधिकतर वाहनों में अधिक किया जाता है। आज के समय में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। और ऐसे में वाहनों के लिए डीजल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है। इसलिए डीजन और पेट्रोल के स्थान पर CNG का उपयोग किया जाता है। क्योंकि यह पेट्रोल और डीजल से कम दामों में मिल जाता है। और दुर्लभ पेट्रोलियम स्थानों पर भी आसानी से मिल जाता है। इस प्रकार CNG अच्छे ईंधन के रूप में उपलब्ध हो जाता है। लेकिन फिर भी यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत नहीं बन पाया है।
- Compressed Natural Gas(CNG) पेट्रोल/डीजल की तुलना में कम विषाक्तन गैंसों का उत्पादन करता है। इसलिए CNG का उपयोग वाहनों में किया जाना बहुत ही लाभदायक है।
ऐसे में कुछ परिक्षण भी किए गए है। जिसमें वाहनों में पेट्रोल या डीजल के स्थान पर CNG को ऊर्जा स्रोत के रूप रखा गया है। जिससे यह प्रमाण मिले कि CNG अन्य पेन्ट्रोलियम पदार्थों से पर्यावरण कम प्रदूषित करता है। इस प्रकार CNG हमारे सामने एक अक्षय स्रोत के रूप में विद्यमान है।
- इसी के स्थान शक्ति इंजन में अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने में भी CNG सहायक सिद्ध हुआ है।
- वाहनों में CNG को एक कम स्थान में अधिक मात्रा में एकत्रित करके रखा जा सकता है। इसके लिए वाहनों में सीएनी टेंक रखे जाते है। जो वाहनों में ऊर्जा स्त्रोत होते है।
CNG के फायदे – Benefits of CNG
- यह अन्य पेट्रोलियम यौगिकों जैसे पेट्रोल/डीजल की तुलना में सस्ते दामों में मिल जाता है।
- विशेष रूप से डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले वाहनों की तुलना में, CNG पर चलने वाली कारों की रखरखव की लागत बहुत कम है।
- यह पर्यावरण हितेषी है। क्योंकि यह अन्य विकल्पों जैसे पेट्रोल और डीजल की तुलना में कम विषाक्त और अनावश्यक गैसों को वायु में छोड़ता है। जिससे पर्यावरण को अन्य विकल्पों से होने वाले नुकसान से कम नुकसान होता है।
- CNG वायु में जल्दी बिखर जाता है। जो आग लगने इत्यादि घटनाओं से हमें बचा लेता है।
- यह अन्य पेन्ट्रोलियम पदार्थों को लम्बे समय तक बनाये रखने में सहायक है।
- CNG 504 डिग्री सेल्सियस या अधिक का एक उच्च ऑटो-इग्निशन तापमान प्रदान करता है।
- यह एक अक्षय स्रोत है।
CNG में कौन-कौनसे पदार्थ होते है – How CNG is formed
CNG में मुख्य रूप से मीथेन गैंस सर्वाधिक पाई जाती है। जिसके कारण यह रंगहीन, गंधहीन और स्वादहीन होती है। और इसी कारण यह पर्यावरण के लिए कम नुकसानदायक भी होती है। मिथेन के अतिरिकत CNG में 85 प्रतिशत नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा 70 प्रतिशत तक हाइड्रोकार्बन पाए जाते है। CNG को अपने मानक वायुमंडलीय दबाव के एक प्रतिशत से भी कम प्राकृतिक गैस को संपीडित करके बनाया जाता है।
CNG का आविष्कार – CNG History
दोस्तों CNG को 1800 के दशक के उत्तरार्ध में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के द्वारा वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग में लाया गया था। इसके बाद दूसरे विश्व युद्ध के बाद इटली और अन्य यूरोपीय देशों में CNG को प्राथमिक ईंधन के रूप में अपनाया गया।
CNG का उत्पादन कैसे होता है ?
दोस्तों CNG के उत्पादन के बारे में चर्चा की जाए तो, जब चट्टानों को खोदकर तेल निकाला जाता है तब पेट्रोलियम पदार्थों के निष्कर्षण में सबसे ऊपर जो हल्की परत पाई जाती है वह CNG होती है। जिसमें मुख्य गैंस मेथेन (सूत्र) उपलब्ध रखती है। जिसमें LPG के मुकाबले कार्बन की मात्रा कम पाई जाती है।
CNG
⇓
LPG
⇓
पेट्रोल
⇓
डीजल
⇓
डामर
⇓
केरोसीन
⇓
अन्य घटक
CNG और LPG में अन्तर
CNG (सीएनजी) | LPG (एलपीजी) |
सम्पीडित प्राकृतिक गैस (Compressed Natural Gas) | द्रवित पेन्ट्रोलियम गैस (Liquefied petroleum gas) |
CNG में मुख्य गैंस मेथेन पाई जाती है। | LPG में प्रोपेन और ब्यूटेन दोनों प्रकार की गैंसें पाई जाती है। जिसमें ब्यूटने गैंस मुख्य गैंस होती है। |
इसमें कार्बन की मात्रा LPG की तुलना में कम होती है। | जबकि इसमें कार्बन की मात्रा CNG की तुलना में अधिक होती है। |
यह गैंस हल्की होती है। | जबकि यह भारी गैस होती है। |
CNG के जलने पर कम प्रदूषण होता है, क्योंकि यह कार्बनडाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम करती है। | जबकि LPG गैंस CNG की तुलना में भारी होती है। |
CNG गैंस हल्की होने के कारण हवा में जल्दी विलीन हो जाती है जिससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाती है। | LPG, CNG से भारी होती है जिससे LPG से दुर्घटना होने की संभावना CNG से अधिक होती है। |
यह पर्यावरण हितेषी गैंस है। | यह पर्यावरण के लिए CNG की तुलना में अधिक नुकसानदायक है। |
क्या आपको पता है ?
वाहनों में प्रयोग होने वाली LPG गैंस, जो अवैध रूप से आज भी उपयोग में लाई जा रही है वह भी दुर्घटनाओं की संभावनाओं को बढ़ावा देती है। इसलिए हमारे पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए दिल्ली में CNG के स्टेशन बनाए गए है। भविष्य में आप इलेक्ट्रिक गाड़ियों का उपयोग करने वाले है जो पर्यावरण हितेषी साबित होंगी।
LPG के रिसाव का पता कैसे चलता है ?
चूँकि LPG एक गंधहीन गैंस है इसलिए इसके रिसाव का पता लगाने के लिए इसमें इथाइल मरकैप्टन नामक सल्फर मिलाया जाता है। जो हमारे घरों में आने वाले गैंस सिलैन्डर में भरा होता है। तभी हम गैंस के रिसाव का पता लगा पाते है।
तो दोस्तों आज हमने CNG के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। और काॅमेन्ट बाॅक्स में अपना कीमती सुझाव। और इसी प्रकार की बेहतरीन जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ बने रहें।
धन्यवाद !
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