नमस्कार दोस्तों आज हम दर्पण सूत्र(Mirror Equation) के बारे में विस्तार से जानने वालें है। जिसमें हम दर्पण सूत्र किसे कहतें है, दर्पण सूत्र क्या है(Darpan Ka Sutra) और दर्पण सूत्र का व्युत्पन्न करनें वालें है तो चलिए बढ़तें है आज के आर्टिकल की ओर…Mirror Equation Formula in Hindi
दर्पण का सूत्र क्या है – Darpan Ka Sutra

जहाँ
- f = लेंस की फोक्स दूरी
- v = प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी
- u = दर्पण से वस्तु की दूरी है।
दर्पण सूत्र किसे कहतें है – Darpan Sutra Kise Kahate Hain
Darpan ke Sutra ki Paribhasha :दोस्तों दर्पण सूत्र वह सूत्र है जिसकी सहायता से वस्तु, बिम्ब तथा दर्पण के फोक्स के मध्य संबंध और गणितिय आंकलन किया जा सकता है। दर्पण सूत्र की परिभाषा: ‘‘दर्पण में वस्तु की दूरी u, प्रतिबिम्ब की दूरी v तथा फोक्स दूरी f के बीच संबंध दर्शाने वाले सूत्र को दर्पण सूत्र कहतें है।’’
दर्पण सूत्र

दोस्तों दर्पण सूत्र का व्युत्पन्न करने के लिए हम एक अवतल दर्पण MPN लेंगें। जिसमें PK मुख्य अक्ष, P ध्रुव, F फोक्स, C वक्रता केन्द्र, AB वस्तु, RS प्रतिबिम्ब तथा DE = D से मुख्य अक्ष पर खींचा गया लम्ब है।
अब आपको अच्छे से दर्पण सूत्र समझ में आए इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातेें बता देतें है।
- AB एक वस्तु है जो ध्रुव P पर रखी गयी है। अतः AB तथा P के मध्य दूरी को हम U से प्रदर्शित करेंगें। यहाँ P अवतल दर्पण पर स्थित है। इसलिए दर्पण तथा वस्तु की दूरी U है।
- RS प्रतिबिम्ब की दर्पण से दूरी है। अतः RS तथा P के मध्य दूरी को हम V से प्रदर्शित करेंगे।
- बिन्दु D से हम मुख्य अक्ष पर DE लम्ब खींचेंगें।
अब हम कार्तिक चिन्ह परिपाटी के कुछ नियमों के बारे में जानेंगें जो हम दर्पण सूत्र के व्युत्पन्न में उपयोग में लाने वालें है।
दर्पण के लिए कार्तिक चिन्ह परिपाटी के नियम
- जब कोई प्रकाश की किरण अनन्त से मुख्य अक्ष के समान्तर गमन करती हुई दर्पण पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन के पश्चात दर्पण के फोक्स से गुजर जाती है।
- जब कोई प्रकाश की किरण दर्पण के वक्रता केन्द्र से गुजरती हुई दर्पण पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन के पच्छात वह पुनः उसी दिशा में लौट जाती है, जिस दिशा से पहले वह(प्रकाश की किरण) आयी थी।
दर्पण सूत्र का व्युत्पन्न

हमें दर्पण सूत्र प्राप्त करने के लिए दर्पण से वस्तु की दूरी U (AB तथा P के मध्य की दूरी), दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी V (RS तथा P के मध्य की दूरी) तथा फोक्स दूरी F (दर्पण के मध्य बिन्दु P से F के मध्य दूरी) के मध्य संबंध स्थापित करना है।
और
समरूप है
…………………..(1)
और
समरूप है
…………………..(2)
चूँकि AB =DE
अतः समीकरण (1) और (2) में बांया पक्ष समान है
अतः समीकरण (1) और (2) से
…………………..(3)
यदि दर्पण का द्वारक बहुत छोटा हो तो
EF = PF रखने पर
…………………..(4)

- PB = वस्तु की दूरी = -U
- PS = प्रतिबिम्ब की दूरी = -V
- PF = फोक्स की दूरी = -F
- PC = वक्रता त्रिज्या = -R
मान रखने पर
चूँकि R-2F अतः
UVF का दोनों पक्षों में भाग देने पर
उक्त परिणाम ही दर्पण सूत्र है। दोस्तों हमने अवतल दर्पण में सूत्र व्युत्पन्न किया। अगर हम इसी व्युत्पन्न को उत्तल दर्पण पर करतें है तो भी हमें यहीं परिणाम प्राप्त होता है। इसलिए उत्तल व अवतल दर्पण के लिए दर्पण सूत्र समान ही है।
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने दर्पण सूत्र का व्युत्पन्न(Darpan Ka Sutra) करना सीखा। मुझे आशा है कि आपको अच्छे से समझ में आया होगा। अगर आपका कोई प्रश्न है तो आप नीचे काॅमेन्ट बाॅक्स में पूछ सकतें है। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने मित्रगणों के साथ में शेयर जरूर करें तथा इसी तरह की बेहतरीन जानकारी के लिए हमारे साथ बनें रहें।
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