विद्युत धारा किसे कहते है : परिभाषा, सूत्र, S.I. मात्रक, विमा, दिशा और गुण – Electric Current in Hindi

Electric Current in Hindi

कनहैल्लों दोस्तो आज के आर्टिकल में हम Electric Current in Hindi अर्थात् विद्युत धारा के बारे में विस्तार से चर्चा करने वालें है। जिसमें हम विद्युत धारा से संबंधित कई प्रश्नों को अच्छे से समझने वाले है जो आपके मस्तिष्क में दिन-प्रतिदिन आते रहते है या परिक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है (Electricity in Hindi)। तो चलिए बढ़ते है। आज के आर्टिकल की ओर….

विद्युत धारा क्या है – What is Electricity in Hindi

विद्युत धारा क्या है - What is Electric Current in Hindi
विद्युत धारा क्या है – What is Electric Current in Hindi

दोस्तो आसान भाषा में कहें तो आवेशों का प्रवाह ही विद्युत धारा(Electric Current) है। जिसें में बिजली या Electricity भी कहते है।

हमारे घरों में जो बिजली आती है तो वह किसी खंभें या विद्युत लाइन के द्वारा हमारे घर तक लाई जाती है। अतः इन बिजली की लाइनों में आवेशों का प्रवाह होता है। तभी बिजली या Electricity हमारे घर तक पहुच पाती है। यहीं क्रम हमारे घरों में उपयोग होने वाली वायरों में निरन्तर चलता रहता है।

विद्युत धारा किसे कहते है ?

Vidyut Dhara Kise Kahate Hain : जिस प्रकार द्रवों के प्रवाह की दर को द्रव-धारा कहते है; ऊष्मा के प्रवाह की दर को ऊष्मीय-धारा कहते हैं, ठीक इसी प्रकार विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा(Electric Current) कहते है।

विद्युत धारा की परिभाषा

धन आवेश का प्रवाह उच्च विभव से निम्न विभव की ओर होता है, अतः धनावेश के प्रवाह की दिशा ही विद्युत धारा की दिशा होती है। ऋण आवेश का प्रवाह निम्न विभव से उच्च विभव की ओर होता है, इसलिए धारा की दिशा ऋणावेश की गति के विपरीत दिशा में होती है। इस प्रकार ‘‘आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा(Electric Current) कहते है।’’

विद्युत धारा को विद्युत, बिजली, करंट, इलेक्ट्रिक करंट या इलेक्ट्रिसिटी आदि नामों से जाना जाता है। विज्ञान की भाषा में विद्युत धारा को अंग्रेजी वर्णवाला के i और I दोनों के द्वारा निरूपित किया जाता है।

आवेशों का प्रवाह

दोस्तो जैसा कि हम सब जानते है कि प्रत्येक द्रव का प्रवाह उच्च गुरुत्वीय तल से निम्न गुरुत्वीय तल की ओर होता है; ऊष्मा का प्रवाह उच्च ऊष्मीय तल से निम्न ऊष्मीय तल की ओर होता है; ठीक इसी प्रकार आवेश का प्रवाह भी उच्च विद्युततल से निम्न विद्युततल की ओर होता है।

अब तक हमने विद्युत धारा को आसान भाषा में समझा, अब हम विद्युत धारा को गणितीय रूप से समझने वालें है जिसमें विद्युत धारा के कई भौतिक रूप और इकाइयाँ को समझने वाले है।

विद्युत धारा का सूत्र

यदि किसी चालक के परिच्छेद से q आवेश प्रवाहित होने में t सेकण्ड का समय लगता है तो चालक में प्रवाहित विद्युत धारा निम्न होगी:

विद्युत धारा का सूत्र
Electric Current Formula – विद्युत धारा का सूत्र

विद्युत धारा का सूत्र : i=q/t

विद्युत धारा का मात्रक

S.I. पद्धति में विद्युत धारा एक मूल राशि है, अतः इसका मात्रक मूल मात्रक होता है।

विद्युत धारा का मात्रक
Electric Current Unit – विद्युत धारा का मात्रक

विद्युत धारा (i) का मात्रक = कूलाॅम/सेकण्ड = Cs-1 = ऐम्पियर

1A=1Cs-1

नोट : विद्युत धारा मूल राशि होने के कारण इसका मात्रक ऐम्पियर ही लिया जाता है।

विद्युत धारा की विमा

विद्युत धारा की विमा
विद्युत धारा की विमा

दोस्तों जैसा कि पहले आपने पढ़ा कि विद्युत धारा एक मूल राशि है अतः इसकी विमा [M0L0T0A1] है।

एक ऐम्पियर की परिभाषा

यदि q=1C, t=1 sec तो i=1A

परिभाषा: ‘‘अर्थात् यदि किसी बन्द परिपथ में किसी स्थान से 1 सैकण्ड में 1 कूलाॅम आवेश प्रवाहित होता है तो परिपथ में बहने वाली धारा 1 ऐम्पियर होगी।’’

एक कूलाॅम आवेश में इलेक्ट्राॅन की संख्या

q = ne से

n=\frac{q}{e}=\frac{1}{1.6\times 10^{-10}}

= 6.25×1018

अतः स्पष्ट है कि एक ऐम्पियर धारा में 1 सेकण्ड में 6.25×1018 इलेक्ट्राॅन के प्रवाह से प्रवाहित धारा के तुल्य है।

अतः 1A=1Cs-1

= 6.25×1018 इलेक्ट्राॅन/सेकण्ड।

धारा की अन्य इकाइयाँ

दोस्तों विद्युत धारा की अन्य छोटी इकाइयाँ मिलीऐम्पियर व माइक्रोऐम्पियर होती है-

  • 1mA=10-3 A
  • 1μA= 10-6 A

स्थायी धारा और परिवर्ती धारा

स्थायी धारा और परिवर्ती धारा
स्थायी धारा और परिवर्ती धारा

दोस्तो यदि किसी चालक में प्रवाहित आवेश की दर समय के साथ नहीं बदलती है तो धाराा को स्थायी धारा कहते है। यहाँ ध्यान रखने की बात यह है कि स्थायी धारा चालक के सभी परिच्छेदों के लिए समान होगी। उपरोक्त चित्र में ग्राफ स्थायी धारा को और (b)(c) में ग्राफ परिवर्ती धारा को व्यक्त करते हैं।

यदि किसी परिपथ में किसी स्थान से t सेकण्ड में n इलेक्ट्राॅन गुजरते है तो धारा

i=\frac{q}{t}=\frac{ne}{t} ऐम्पियर

इसी प्रकार यदि t सेकण्ड में ऐसे n आयन बह रहे हों जिनमें प्रत्येक पर आवेश 2e हो (जैसे Cu2+, Zn2+ आदि) तो धारा

i=\frac{n\times2e}{t} ऐम्पियर

विद्युत धारा की अन्य परिभाषा

दोस्तों विद्युत धारा हमेशा अपरिवर्ती नहीं होती है, अतः हम धारा की परिभाषा को निम्न प्रकार से भी व्यक्त कर सकते हैं-

माना समय-अंतराल ∆t में किसी चालक की अनुप्रस्थ काट से प्रवाहित होने वाला नैट आवेश ∆q है। तब समय t पर चालक के इस अनुप्रस्थ काट से प्रवाहित विद्युत धारा को ∆q या ∆t के अनुपात के मान के रूप में इस प्रकार व्यक्ति किया जाता है जिसमें ∆t की सीमा शून्य की ओर प्रवृत्त है-

i(t)=\lim_{\triangle t \rightarrow 0}\frac{\triangle q}{\triangle t}=\frac{dq}{dt}

विद्युत धारा एक अदिश राशि है

दिष्ट धारा परिपथों में धारा की दिशा यद्यपि प्रदर्शित की जाती है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि विद्युत धारा एक सदिश राशि है। वास्तव में विद्युत धारा एक अदिश राशि है।

विद्युत धारा अदिश राशि क्यों है ?

कारण: विद्युत धारा दिशा होते हुए भी वेक्टर योग के नियम का पालन नहीं करती है। दो वेक्टरों का योग उनके परिमाणों के साथ-साथ उनके मध्य कोण पर भी निर्भर करता है, जबकि दो धाराओं का योग उनके मध्य कोण पर निर्भर नहीं करता है। अतः विद्युत धारा एक आदिश राशि है।

आवेश प्रवाहक

ठोस चालक में आवेश प्रवाहक – संयोजक इलेक्ट्राॅन।
द्रवों में आवेश प्रवाहक – धनात्मक व ऋणात्मक आयन।
गैसों में आवेश प्रवाहक – धनात्मक आयन व इलेक्ट्राॅन।

विद्युत धारा के गुण

  • धारा, जो उच्च विभव (धनात्मक विभव) से निम्न विभव (ऋणात्मक विभव) की ओर बहती है, परम्परागत धारा कहलाती है।
विद्युत धारा की दिशा
विद्युत धारा की दिशा
  • किसी चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद से t सेकण्ड में यदि धनावेश q1 बिन्दु A से B की ओर तथा ऋणात्मक आवेश q2 बिन्दु B से A की ओर बहता है तो चालक से प्रवाहित कुल धारा

i=\frac{q_{1}}{t}+\frac{q_{2}}{t}

होगी जिसकी दिशा A से B की ओर होगी।

  • धारा की दिशा – धनात्मक आवेश के प्रवाह की दिशा में।
  • धारा की दिशा – ऋणात्मक आवेश की प्रवाह के विपरीत दिशा में अर्थात् इलेक्ट्राॅन की गति के विपरीत दिशा में।
  • विद्युत धारा जो आकाशीय बिजली गिरते समय बहती है अर्थात् तड़ित-धारा दसियों हजार ऐम्पियर की कोटि की होती है जबकि हमारी धमनियों में बहने वाली धारा माइक्रोऐम्पियर की कोटि की होती है।
  • एक घरेलू उपकरण में बहने वाली धारा का परिमाण = 1 ऐम्पियर होता है।
  • तड़ित विद्युत में बहने वाली धारा का परिमाण = 104 ऐम्पियर होता है।
  • हमारी धमनियों में बहने वाली धारा का परिमाण = 10-6 ऐम्पियर होता है।

आंकिक उदाहरण

प्रश्न 1. यदि किसी चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद से 1 मिली सेकण्ड में 1 मिलियन इलेक्ट्राॅन गुजरते हैं तो चालक से प्रवाहित धारा कितनी होगी ?

हल :

q=ne=106e=106×1.6×10-19
=1.6×10-13 कूलाॅम
t=1 मिली सेकण्ड
= 1×10-3 सेकण्ड
धारा i=\frac{q}{t}=\frac{1.6\times 10^{-13}}{1\times 10^{-3}}
= 1.6×10-10 ऐम्पियर

तो दोस्तो आज हमने विद्युत धारा(Electric Current in Hindi) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। अगर आपका कोई प्रश्न है तो आप काॅमेन्ट में पूछ सकतें है, हम आपको अवश्य उत्तर देंगें। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसीप्रकार की बेहतरीन जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।

धन्यवाद!

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