ग्रीनहाउस प्रभाव – Greenhouse Effect in Hindi | उत्पत्ति | कारण | दुष्परिणाम

ग्रीनहाउस प्रभाव

हैल्लो दोस्तो ! तो कैसे है आस सभी ? मुझे आशा है कि आप सभी अच्छे होंगें। दोस्तो आपने कभी न कभी हरित गृह प्रभाव/ग्रीनहाउस प्रभाव के बारे में सुना ही होगा। तो क्या आपको पता है कि हरित ग्रहण प्रभाव क्या है ? अगर नहीं ! तो दोस्तो आज के आर्टिकल में हम ग्रीनहाउस प्रभाव (Greenhouse Effect in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है। जिसमें हम निम्न विषयों के बारे में अध्ययन करने वाले है :

  • ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है ?
  • हरित गृह प्रभाव की उत्पत्ति किस प्रकार होती है ?
  • ग्रीनहाउस प्रभाव गैसें कौनसी है ?
  • हरित गृह प्रभाव के दुष्परिणाम क्या है ?

इन सभी के बारे में हम आज जानकारी प्राप्त करेंगें।

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है ? (Greenhouse Effect in Hindi)

greenhouse effect in hindi

हरित गृह, हरे रंग के काँच की दीवारों से बनाया गया छोड़ा या बड़ा कक्ष होता है। यह प्रायः ठण्डे क्षेत्रों मे बनाया जाता है। इसके अन्दर गर्म मौसम की फसलों को उगाया जाता है। इसके अन्दर का तापमान बाहर की अपेक्षा काफी अधिक होता है क्योंकि इसकी काँच की दीवारें सौर विकिरण को अन्दर प्रवेश करने देती हैं किन्तु इसमें उत्पन्न ऊष्मा को बाहर बहुत कम निकलने देती हैं फलतः अन्दर का तापमान बढ़ जाता है।

इस प्रकार हरित गृह प्रभाव कृत्रिम रूप से उत्पन्न किया जाता है। ताकि विपरित मौसम में भी आगामी फसलों और सब्जियों का उत्पादन किया जा सके।

ग्रीनहाउस प्रभाव की उत्पत्ति कैसे होती है ?

हमारी पृथ्वी के धरातल के ऊपर लगभग 30 किमी ऊँचाई तक वायुमण्डल का विशाल सघन घेरा उपस्थित होता है। यद्यपि वायुमण्डल पृथ्वी की सतह से 800-1000 किमी की ऊँचाई तक पाया जाता है। वायुमण्डल कई गैसों का मिश्रण होता है। जिसमें एक गैस कार्बनडाई ऑक्साइड भी है। यद्यपि इसकी मात्रा केवल 0.03 प्रतिशत होती है किन्तु यह प्रकाश संश्लेषण में प्रयुक्त होने के साथ-साथ पृथ्वी के तापमान को भी बनाये रखती है।

पृथ्वी के चारों ओर वायुमण्डल का अवरण ठीक उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार हरित गृह की काँच की दीवारें। सूर्य से आने वाले विकिरण वायुमण्डल को बेधते हुए भूतल पर टकराकर काफी मात्रा में नष्ट हो जाते हैं तथा काफी मात्रा में दुर्बल होकर अवरक्त किरणों के रूप में परिवर्तित हो जाती हैं। ये किरणें दुर्बलता के कारण वायुमण्डल से बाहर नहीं निकल पाती हैं और ऊष्मा के रूप में पृथ्वी का तापमान स्थिर बनाये रखती है। इस प्रकार हरित गृह प्रभाव की उत्पत्ति होती है।

ग्रीनहाउस प्रभाव किसे कहते है ? (Greenhouse Effect Definition in Hindi)

Greenhouse Effect Definition in Hindi

जब वायुमण्डल में CO2 व कुछ अन्य गैसों, जैसे – मीथेन, N2Oव CFCs (जो प्रदूषण के रूप में उत्पन्न होती हैं) की सान्द्रता में वृद्धि होती है तो पृथ्वी के वायुमण्डल का ताप बढ़ने लगता है। इस घटना को हरित गृह प्रभाव कहते हैं (Greenhouse Effect Meaning)। और ये गैसें ग्रीन हाउस गैसें कहलाती है।

हरित गृह प्रभाव उत्पन्न होने के कारण

  1. जैसा कि हम जानते है, हरे पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में CO2 ग्रहण करके जल की सहायता से प्रकाश की उपस्थिति में भोजन का निर्माण करते हैं। इस प्रकार पौधों द्वारा वायुमण्डल में CO2 की मात्रा नियंत्रित रहती है। जंगलों की कटाई के कारण तथा ईंधनों के अधिक जलने से वातावरण में CO2 की मात्रा में वृद्धि होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति मिनट 38 एकड़ वनों का सफाया हो रहा है। इसके अतिरिक्त जंगलों को प्राकृतिक एवं कृत्रिम रूप में दहन भी हो रहा है। जिसके कारण CO2 की मात्रा बढ़ रही है और यही हरितगृह प्रभाव का मुख्य कारण बन रहा है।
  2. बढ़ती हुई मानव जनसंख्या के कारण औद्योगीकरण भी तीव्रता से हो रहा है। इससे वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड भी लगातार बढ़ रही है। ग्रीन हाउस प्रभाव में SO2 तथा NO2 भी योगदान करती हैं जो विभिन्न उद्योगों से उत्पन्न होती है। वायुमण्डल में इन गैसों की मात्रा इतनी बढ गई है, जिससे धरती की सतह से लौटने वाली ऊष्मा वायुमण्डल को पार नहीं कर पा रही है और परिणाम स्वरूप पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है।

हरित गृह/ग्रीनहाउस गैसें (Greenhouse Gas)

हरित गृह प्रभाव में सबसे बड़ी भूमिका CO2 की होती है। इसके बाद क्रमशः मीथेन, CFCs तथा नाइट्रस ऑक्साइड आती है। ग्रीन हाउस प्रभाव में इनका योगदान CO2 (60%), CH4 (20%) CFCs (14%)  तथा NO2 (6%) होता है। इसके अलावा कुछ अन्य गैसें SO2, NO2, व CO भी सहयोगी गैसें मानी जाती है। यदि वातावरण में इनकी मात्रा बढ़ती गयी तो पृथ्वी एक तपते हुए पिण्ड की तरह हो सकती है जैसा कि शुक्र ग्रह पर है, जहाँ 90% CO2, 3% N2 व 0.5% O2 हैं। इनके फलस्वरूप वहाँ पर तापमान 477oC हो गया है।

वायुमण्डल में कार्बन डाईऑक्साइड बढ़ने के कारण

1. कारखानों तथा मोटर वाहनों के धुएँ में उपस्थित CO2 का निष्कासन।
2. लकड़ी तथा कोयला का जलाना।
3. लगातार वनोन्मूलन जिससे CO2 की खपत में कमी होना।

हरित गृह प्रभाव/ग्रीनहाउस प्रभाव के दुष्परिणाम

  1. पृथ्वी के तापमान के बढ़ने से समुद्र के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी वर्षा होगी, जिससे बाढ़ आने की सम्भावनाएँ रहेंगी। औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में सूखे की स्थिति बनेगी। तापमान में वृद्धि बेहद चिन्ता का विषय है। यदि इसी प्रकार तापमान में वृद्धि होती रही तो सन् 2100 तक तापमान में औसतन 3.6 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। इसके परिमाणस्वरूप कहीं भीषण बाढ़, कहीं सूखा, कहीं चक्रवात तो कहीं दावाग्नि का सिलसिला शुरू हो जाएगा जिससे मानव के अस्तित्व के लिए भी खतरा पैदा हो जाएगा।
  2. हरित गृह प्रभाव के कारण ताप बढ़ने के साथ ही भारत तथा अन्य विकासशील देशों में अनाज व विभिन्न फसलों के उत्पादन में कमी आएगी। मत्स्य उत्पादन भी प्रभावित होगा।
  3. तापमान में वृद्धि से ध्रुवों की बर्फ पिघलने लगेगी जिससे अनेक नदियों में बाढ़ आएगी और अनेक नदियाँ विलुप्त हो जाएँगी। समुद्र का तल बढ़ेगा जिससे तटवर्ती क्षेत्र जलमग्न हो जाएँगे।
  4. अंटार्कटिका की बर्फ के लिए भी खतरा हो जाएगा और यह पिघलने लगेगी।

तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने हरित ग्रहण प्रभाव को अच्छे समझा। मुझे आशा है कि आपको आर्टिकल पंसद आया होगा। अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करें। और हमारे साथ इसी तरह की बेहतर जानकारी के लिए बने रहें।
धन्यवाद !

अन्य पाठ्य सामग्री :

एल नीनो – El Nino | El Nino Effect in Hindi | El Nino & La Nina

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 – Wildlife Protection Act 1972 in Hindi

प्रदूषण – Pollution in Hindi | Paryavaran Pradushan | Pollution Essay in Hindi

चुम्बक | चुम्बक की परिभाषा | चुम्बक के प्रकार | गुण | उपयोग | Magnet in Hindi

6 thoughts on “ग्रीनहाउस प्रभाव – Greenhouse Effect in Hindi | उत्पत्ति | कारण | दुष्परिणाम”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top