नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में हम कोशिका(Cell) के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है जिसमें हम जानेंगें कि कोशिका क्या है(koshika kya hai), कोशिका किसे कहते हैं(koshika kise kahate hain), कोशिका की खोज किसने की(koshika ki khoj kisne ki), कोशिकांग किसे कहते हैं(koshikang kise kahate hain), कोशिका के प्रकार(koshika ke prakar), कोशिका के अंग(koshika ke ang), कोशिका सिद्धान्त किसने दिया(koshika siddhant kisne diya), कोशिका सिद्धान्त क्या है(cell theory in hindi),कोशिका की संरचना(cell structure in hindi), कोशिका विभाजन(koshika vibhajan in hindi) आदि के बारे में विस्तार से चर्चा करने वालें है। दोस्तो कोशिका से संबंधित आपके मन में जितने भी प्रश्न है उनके उत्तर आपको आज के आर्टिकल में मिलेंगे l तो पूरे आर्टिकल को अच्छे से पढ़िएगा और परीक्षा में आने वाले सभी प्रश्नों को सही करके ही आइगा। तो चलिए बढ़तें है आर्टिकल की ओर…Cell in Hindi
Table of Content
कोशिका क्या है – What is Cell in Hindi

Koshika Kya Hai : दोस्तों “कोशिका को हमारे शरीर की रचना करने वाली और क्रिया करने वाली एक संरचना कहा जाता है। इसे हम अंग्रेजी भाषा में Cell कहतें है।” यह हमारे शरीर की सबसे छोटी इकाई है। जिसका तकनीकी नाम Cyto है। “कोशिका के अध्ययन को कोशिका विज्ञान(cell biology in hindi) कहा जाता है।”
कोशिका किसे कहते हैं – Koshika kise kahate hain

दोस्तों कोशिका का ही हमारे शरीर की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कहा जाता है। रचनात्मक अर्थात् शरीर की रचना करने वाली और क्रियात्मक शरीर की क्रिया करने वाली। इसप्रकार कोशिका हमारे शरीर का अभिन्न अंग है। कोशिका में पाए जाने वाले कोशिकांग हमारे जीवन के लिए आवश्यक सभी कार्यों को संपादित करते है। कोशिकाएँ हमारे शरीर में लाखों-करोड़ों की संख्या में पाई जाती है। कोशिका द्वारा दूसरी कोशिकाओं के साथ जुड़ने की प्रक्रिया द्वारा ही शरीर का निर्माण होता है। कोशिका को संजीवों की सबसे छोटी और भौतिक इकाई कहा जाता है।
कोशिका को खोज किसने की – Koshika ki khoj kisne ki
दोस्तों सर्वप्रथम कोशिका की खोज राबर्ट हूक ने 1665 ई. में की। इसलिए इन्हें कोशिका विज्ञान का पिता कहा जाता है। किन्तु इन्होंने मृत कोशिका की खोज की थी। जब इन्होंने माइक्रोस्कोप से देखा तो उन्होने पाया की वह कोशिका मृत थी।
सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज किसने की – Jeevit koshika ki khoj kisne kiya tha
दोस्तों अगर बात की जाए कि कोशिका की खोज किसने की, तो उसमें राबर्ट हूक का नाम आता है। अगर परीक्षा में ऐसा प्रश्न आये की सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज किसने की तो उसमें एण्टोनिवान ल्यूवेन हाॅक का नाम आता है, जिन्होंने सर्वप्रथम 1674 ई. में जीवित कोशिका की खोज की थी।
दोस्तों क्या आपको पता है कि जीवाणु की खोज सबसे पहले किसने की और कब की, अगर नहीं पता तो नीचे दिए गए लींक पर क्लिक करें और जरूर पढ़े। क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न भी अधिकतर परीक्षा में पूछा जाता है।
कोशिका सिद्धान्त किसने दिया – Koshika siddhant kisne diya tha
दोस्तों कोशिका सिद्धान्त स्लाइडेन और श्वान नामक दो वैज्ञानिकों ने दिया था।
कोशिका सिद्धान्त क्या है – Koshika siddhant kya hai
Cell theory in hindi : वैज्ञानिक स्लाइडेन और श्वान ने कोशिका सिद्धान्त की पुष्टि करते हुए कहा कि ‘‘इस सिद्धान्त के अनुसार हमारा पूरा मानव शरीर कोशिका का बना हुआ है अतः यह शरीर की सबसे छोटी इकाई है।’’, इसे ही कोशिका सिद्धान्त(Cell Theory) कहा जाता है।
दुनिया की सबसे छोटी कोशिका कौनसी है ?
दोस्तों पूरी दुनिया की सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाज्मा(Mycoplasma) की होती है। जो एककोशिकीय जीव होता है।
दुनिया की सबसे बड़ी कोशिका कौनसी है ?
दोस्तों पूरी दुनिया की सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अण्डे में होती है।
मानव में सबसे छोटी कोशिका कौनसी होती है ?
दोस्तों मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका पुरूषों में स्पर्म(Sperm) या शुक्राणु की होती है।
मानव में सबसे बड़ी कोशिका कौनसी होती है ?
दोस्तों मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका महिलाओं के अण्डाणु की होती है।
मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका कौनसी है ?
दोस्तों मानव शरीर की सबसे लम्बी कोशिका तंत्रिका तंत्र(Nervous system) अर्थात् न्यूरोन(Neuron) होती है। जिसे मस्तिष्क की कोशिका कहा जाता है।
विभाजन रहित कोशिका कौनसी होती है ?
दोस्तों तंत्रिका तंत्र अर्थात् यूराॅन को ही विभाजन रहित कोशिका कहा जाता है। जिसका विभाजन नहीं होता है। अगर हमारे मस्तिष्क पर किसी प्रकार की चोट लग जाए तो वह ठीक नहीं होता है। क्योंकि यूराॅन मस्तिष्क की कोशिका होती है जो विभाजित नहीं हो सकती है। इसलिए ये नई कोशिका का निर्माण नहीं कर पाएगी और चोट ठीक नहीं होगी।
कोशिका का सबसे तेज विभाजन कहाँ होता है ?
दोस्तों कोशिका का सबसे तेज विभाजन लीवर(Lever) में होता है। अगर एक बार के लिए लीवर को काट भी दिया जाए तो वह अपने आप से ठीक हो सकता है। लीवर ही हमारे शरीर का वह अंग है जो अपनी कोशिका की क्षतिपूर्ति सबसे पहले कर सकता है।
नोट: तंत्रिका कोशिका में किसी भी प्रकार का विभाजन नहीं होता है अतः यह क्षतिग्रस्त कोशिका को ठीक नहीं कर सकता। इसी कारण सर में चोट लगने से शीघ्र ही मृत्यु हो जाती है।
शरीर का निर्माण कैसे होता है ?
दोस्तों जिस प्रकार हम जब घर बनाते है तो हमें इंटों की आवश्यकता होती है। अब इन इंटो से मिलकर एक दीवार बनती है और दीवार से मिलकर एक कमरा बनता है और जब कमरों को सुव्यवस्थित किया जाता है तो घर बनता जाता है। इसी प्रकार शरीर की रचनात्मक संरचना कोशिका है जिसके मिलने से उत्तक बनतें है और उत्तक से मिलकर अंग बनता है और अंगों से मिलकर हमारा शरीर बनता है। तो इसप्रकार कोशिका से मिलकर ही शरीर का निर्माण होता है।
कोशिका के प्रकार – Koshika Ke Prakar

कोशिका को दो भागों में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार है:
- प्रोकैरियोटिक(Prokaryotic)
- यूकैरियोटिक(Eukaryotic)
प्रोकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं – Prokaryotic koshika kise kahate hain
“वे कोशिकाएँ जिन्हें हम बिना माइक्रोस्कोप या बिना सुक्ष्मदर्शी या नग्न आँखों से देख नहीं सकते है, उन्हें प्रोकैरियोटिक कोशिका कहतें है।” इन्हें आरम्भिक कोशिका भी कहा जाता है। ये अविकसित और अत्यधिक छोटे आकार की कोशिकाएँ होती है। जिनमें केवल मुख्य अंग ही पाए जातें है। नील हरित शैवाल प्रोकैरियोटिक कोशिका का उदाहरण है।
- प्रोकैरियोटिक कोशिका में कोशिका झिल्ली, राइबोसोम(70s) पाया जाता है तथा शेष अंगों का अभाव होता है।
यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं – Eukaryotic koshika kise kahate hain
“वे कोशिकाएँ जिन्हें हम बिना माइक्रोस्कोप या बिना सुक्ष्मदर्शी या नग्न आँखों से देख सकते है, उन्हें यूकैरियोटिक कोशिका कहतें है।” ये बड़ी आकार और पूर्ण विकसित कोशिकाएँ होती है। इनमें कोशिका के सभी अंग पाए जाते है।
- इनमें 80s राइबोसोम पाया जाता है।
- पादप कोशिकाओं का आकार चैकोर होता है। इनके अन्दर का सबसे बड़ा अंग प्लास्टिड होता है।
- इनकी रसधानी बड़ी होती हैं
- इनमें क्लोरोफिल पाया जाता है।
- जंतु कोशिकाएँ गोल होती है। इनके अन्दर का सबसे बड़ा अंग केन्द्रक होता है।
यूकैरियोटिक कोशिका के प्रकार
दोस्तों यूकैरियोटिक कोशिका को पुनः दो भागों में विभाजित किया गया है, जो निम्न प्रकार के है:
- जन्तु कोशिका(Animal cell)
- पादप कोशिका(Plant Cell)
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में अन्तर
प्रोकैरियोटिक | यूकैरियोटिक |
ये छोटी आकार की कोशिका होती है। | ये बड़ी आकार की कोशिका होती है। |
इनमें केन्द्रक पूर्ण विकसित नहीं होता है। | इनमें पूर्ण विकसित केन्द्रक पाया जाता है। |
श्वसन क्रिया जीवद्रव्य से होती है। | श्वसन क्रिया माइट्रोकोण्ड्रिया से होती है। |
माइट्रोकोण्ड्रिया अनुपस्थित रहता है। | माइट्रोकोण्ड्रिया पाया जाता है। |
गॉल्जीकाय नहीं पाया जाता है। | गॉल्जीकाय पाया जाता है। |
सेन्ट्रोसोम नहीं पाया जाता है। | सेन्ट्रोसोम पाया जाता है। |
लाइसोसोम नहीं पाया जाता है। | लाइसोसोम पाया जाता है। |
नोट: प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं मे प्रजन्न बहुत तेजी से होता है। बल्कि यूकैरियोटिक कोशिकाओं में प्रजन्न प्रक्रिया धीमी होती है।
प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका में समानताएँ
- DNA प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में पाया जाता है।
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में जीवद्रव्य पाया जाता है।
- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में होती है।
- प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली पाई जाती है।
- कोशिका भित्ति प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों कोशिकाओं में उपस्थित रहती है। प्रोकैरियोटिक कोशिका में कोशिका भित्ति पेप्टीडो ग्लाइकेन और यूकैरियोटिक कोशिका में कोशिका भित्ति सेल्युलोज की बनी होती है।
- प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में 70s राइबोसोम पाया जाता है और यूकैरियोटिक कोशिकाओं में 80s राइबोसोम पाया जाता है।
कोशिका की संरचना – Cell Structure in Hindi

कोशिकांग किसे कहते हैं – Koshikang kise kahate hain
“कोशिका में पाए जाने वाले अंगों माइट्रोकोण्ड्रिया, केन्द्रक, कोशिका द्रव्य, राइबोसोम, लाइसोसोम, गोलीकाय, तारककाय आदि को ही कोशिकांग कहतें है।” जो कोशिका के अन्दर पाए जातें है। ये अंग कोशिका में विभिन्न प्रकार के कार्य करते है और कोशिका के पोषण से लेकर पाचन तक की क्रियाओं का सम्पादन भी करतें है।
कोशिका के अंग – Koshika Ke Ang

दोस्तों अब हम कोशिका के विभिन्न अंगों के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है। इन कोशिका के अंगों को कोशिकांग कहा जाता है जो निम्न प्रकार है:
- कोशिका झिल्ली(Cell membrane)
- कोशिका भित्ति(Cell wall)
- माइट्रोकांड्रिया(Mitochondria)
- गॉल्जीकाय(Golgoykay)
- रसधानी(Vacuole)
- तारककाय(Centrosome)
- अन्त प्रद्रव्यी जालिका(Endoplasmic reticulum)
- राइबोसोम(Ribosome)
- केन्द्रक(Nucleus)
- लाइसोसोम(Lysosome)
- जीवद्रव्य(Protoplasm)
- सिलिया और कशाभिका(Cilia and flagella)
- लवक(Lavak)
- गुणसूत्र(Chromosome)
कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं ?

कोशिका झिल्ली जिसे हम अंग्रेजी में Membrane कहतें है, का दूसरा नाम प्लाज्मा झिल्ली(Plasma Membrane) है। इसके अन्दर कोशिका के सभी अंग पाये जाते है। कोशिका झिल्ली पादप व जन्तु दोनों कोशिकाओं में पाए जातें है। यह प्रोटीन की बनी होती है। यह एक अर्द्धपारागम्य झिल्ली होती है। कोशिका के अन्दर के सभी अवयव इसी झिल्ली के अंदर रहते है। यह झिल्ली कोशिका के अन्दर जाने वाले पदार्थों का नियत्रंण करती है।
कोशिका भित्ति किसे कहते हैं ?

दोस्तों कोशिका भित्ति दोहरी कोशिका झिल्ली से बना होता है। जिसे हम अंग्रेजी में Cell Wall कहतें है। यह केवल पादपों में पाई जाती है। जो सेल्युलोज की बनी होती है। कोशिका भित्ति का मुख्य कार्य कोशिका को सुरक्षा और आकार प्रदान करने का होता है।
- जीवाणु की कोशिका भित्ति पेप्टिडो ग्लाइकेन की बनी होती है।
- कवक की कोशिका भित्ति काइटीन की बनी होती है।
माइट्रोकांड्रिया किसे कहते हैं ?

दोस्तों माइट्रोकांड्रिया को विज्ञान की भाषा में सूत्रकणिका भी कहते है। जिसकी खोज अल्टमैन ने की थी। जब हम श्वसन क्रिया करते है तो हमारे शरीर में ऑक्सीजन को ग्रहण किया जाता है और यह ऑक्सीजन कोशिका के अंग माइट्रोकांड्रिया में एक चैन रिएक्शन करता है, जिसे क्रेब्स चक्र कहा जाता है। इस क्रेब्स चक्र के द्वारा हमारे शरीर में ATP का निर्माण होता है। जिसमें 38 ATP मिलकर एक ग्लूकोज का निर्माण होता है और इसी ग्लूकोज से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। इसलिए माइट्रोकांड्रिया को कोशिका का शक्ति ग्रह कहलाता है। जिसे हम कोशिका का Power House भी कहते है। माइट्रोकांड्रिया की आन्तरिक दीवारों को क्रिस्टी कहा जाता है।
गॉल्जीकाय किसे कहते हैं ?

दोस्तों गॉल्जीकाय को विज्ञान की भाषा में गाल्जीबाॅडी, गाल्जी ऑप्रेटस भी कहा जाता है। जिसकी खोज कैमिलो गाल्जी ने की थी और इन्हीं के नाम पर कोशिका के इस अंग का नाम गॉल्जीकाय रखा गया। यह शरीर में परिवहन का कार्य करता है। यह पोषक तत्वों और ऊर्जा को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचाता रहता है। इस प्रकार गॉल्जीकाय पूरे शरीर में समन्वय बनाए रखने का काम करता है। अतः गॉल्जीकाय कोशिका में यातायात सहायक है।
रसधानी किसे कहते हैं ?

दोस्तों रसधानी को अंग्रेजी भाषा में Vacuols कहा जाता है। रसधानी के द्वारा जल को संग्रह करने का कार्य किया जाता है। जन्तुओं में रसधानी का आकार छोटा होता है परन्तु पादपों में रसधानी का आकार बड़ा होता है ताकि वह जल को संग्रहित करके रख सके।
तारककाय किसे कहते हैं ?
दोस्तों अब हम बात करेंगे तारककाय की, जिसे विज्ञान की भाषा में Centrosome भी कहा जाता है। जिसकी खोज बोबेरी नाम वैज्ञानिक ने की थी। तारककाय का मुख्य कार्य कोशिका विभाजन या कोशिका पुर्ननिर्माण का होता है। कोशिका विभाजन की क्रिया सबसे ज्यादा तेज लीवर में होती है। मस्तिष्क की कोशिकाओं में तारककाय नहीं पाया जाता है। अर्थात् मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिका में कोशिका विभाजन नहीं होता है। यह केवल जंतु कोशिकाओं में पाया जाता है। इसे सेन्ट्रोसोम(Centrosome) भी कहतें है।
- पादप कोशिकाओं में कोशिका विभाजन Cell Plate के द्वारा होता है।
नोट: अगर हमारे शरीर में बहुत ज्यादा तेजी से कोशिका विभाजन हो जाए तो उसे ही कैंसर कहा जाता है।
अन्त प्रद्रव्यी जालिका किसे कहते हैं ?

दोस्तों अन्त प्रद्रव्यी जालिका को अंग्रेजी में Endo Plasmic Reticulam कहतें है। जिसे Short में ER कहतें है। यह कोशिका में कंकाल का कार्य करती है। ताकी कोशिका पिचके नहीं। इसी के साथ ये आन्तरिक सहायता अर्थात् सहारा देना का काम भी करती है।
अन्त प्रद्रव्यी जालिका के प्रकार
दोस्तों अन्त प्रद्रव्यी जालिका दो प्रकार की होती है जो निम्न प्रकार है:
- चिकनी अंतः प्रद्रव्यी जालिका(Smooth endoplasmic reticulum)
- खुरदरी अंतः प्रद्रव्यी जालिका(Rough endoplasmic reticulum)
चिकनी अन्त प्रद्रव्यी जालिका किसे कहते हैं ?
यह वसा निर्माण का कार्य करती है।
खुरदरी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका किसे कहते हैं ?
यह प्रोटीन निर्माण का कार्य करती है। जिसमें प्रोटीन निर्माण का कार्य राइबोसोम के द्वारा किया जाता है। चूँकि खुरदरी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका पर राइबोसोम पाये जातें है।
राइबोसोम किसे कहते हैं ?

चूँकि राइबोसोम खुरदरी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका पर पाए जाते है और प्रोटीन निर्माण का कार्य करतें है, इसलिए इन्हें प्रोटीन की फैक्टरी कहतें है। राइबोसोम की खोज Palade ने की थी। ये कोशिका के अन्दर सबसे छोटा अंग है।
राइबोसोम के प्रकार
- 70s राइबोसोम
- 80s राइबोसोम
70s राइबोसोम
ये हल्के व छोटे राइबोसोम होते है, जो प्रोकैरियोटिक मेें पाए जातें है।
80s राइबोसोम
ये भारी व बड़े राइबोसोम होते है, जो यूकैरियोटिक में पाए जातें है।
S = Sedimentation Coefficient
केन्द्रक किसे कहते हैं ?

दोस्तों केन्द्रक जिसे अंग्रेजी भाषा में Nucleus भी कहतें है, कोशिका का सबसे बड़ा अंग होता है। जो कोशिका के सभी अंगों के कार्य के नियंत्रण का कार्य करता है। इसलिए केन्द्रक को कोशिका का मस्तिष्क कहतें है। सबसे पहले केन्द्रक की खोज राबर्ट ब्राउन ने की थी। केन्द्रक में क्रोमोसोम पाए जाते है और क्रोमोसोम में DNA, RNA और जीन पाए जाते है। केन्द्रक में 80 प्रतिशत प्रोटीन, 10 प्रतिशत DNA और 10 प्रतिशत अन्य पदार्थ पाए जातें है।
केन्द्रक की खोज किसने की थी ?
राबर्ट ब्राउन ने 1881 ई. में कोशिका के अंदर केन्द्रक की खोज की थी।
केन्द्रक अम्ल क्या है ?
दोस्तों केन्द्रक में गुणसूत्र या क्रोमोसोम पाए जाते है जिनमें DNA, RNA और जीन पाए जाते है, इन्हें ही केन्द्रक अम्ल(Nucleic acid) कहतें है।
केन्द्रक अम्ल के प्रकार
दोस्तो केन्द्रक अम्ल दो प्रकार के होते है जो निम्न प्रकार है:
- DNA
- RNA
DNA क्या है ?
यह कोशिका के अन्दर केन्द्रक, माइट्रोकाॅण्ड्रिया तथा क्लोरोप्लास्ट में पाया जाता है।
- इसके श्रृंखला को पाॅली न्यूक्लियोटाइड कहतें है।
- DNA के एक फेरे की लम्बाई 34Ao होती है।
- DNA के एक फेरे में 10 न्यूक्लिओटाइड संरचना पाई जाती है।
- प्रत्येक न्यूक्लिाओटाइड संरचना के बीच की दूरी 3.4Ao होती है।
- DNA की संरचना Double Standered होती है।
DNA का पूरा नाम क्या है ?
दोस्तों DNA का पूरा नाम डीऑक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड(Dioxy Ribo Nuclic Acid) है। यह एक पाॅली न्यूक्लियोटाइड संरचना है। जो कोशिका के केन्द्रक में पाया जाता है और कोशिकांगों के कार्यों को नियंत्रण करने का काम करता है।
DNA की खोज किसने की ?
दोस्तों DNA की खोज वाटस एवं क्रीक नामक दो वैज्ञानिकों ने की।
RNA क्या है ?
- इसकी संरचना Single Standered होती है।
- इसमें Ribose Suger पाया जाता है।
- इसके Nitrogen Base में Adenine, Guanine, Cytocine होती है। किन्तु Thymine के स्थान पर Urecil होता है।
- यह प्रोटीन संश्लेषण या निर्माण में सहायक होता है।
RNA का पूरा नाम क्या है ?
दोस्तों RNA का पूरा राइबोस न्यूक्लिक अम्ल(Ribose Nuclic Acid) है। जो प्रोटीन संश्लेषण का कार्य करता है।
RNA के प्रकार
दोस्तों RNA को पुनः तीन भागों में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार है:
- Messenger RNA (m-RNA)
- Transfer RNA (t-RNA)
- Ribosome RNA (r-RNA)
m-RNA क्या है ?
यह संदेश वाहक का कार्य करता है जो प्रोटीन निर्माण की सूचना आदि प्रदान करने का कार्य करता है।
t-RNA क्या है ?
यह Amino Acid का परिवहन कर Ribosome तक लाता है।
r-RNA क्या है ?
यह प्रोटीन निर्माण का कार्य करता हैै।
- DNA और RNA का बनना Transcription कहलाता है।
- RNA से पुनः DNA बना लेना Reverse Transcription कहलाता है।
- RNA से प्रोटीन बनाना Translation कहलाता है।
- DNA से DNA बना लेना Replication कहलाता है।
लाइसोसोम किसे कहते हैं ?

दोस्तों लाइसोसोम की खोज डी-डूबे ने की थी। लाइसोसोम में जल अपघटक एन्जाइम पाए जाते है। यह कोशिका के अन्दर पाचन का कार्य करता है। जो किसी भी कोशिका का पाचन कर सकता है। दोस्तों लाइसोसोम मृत कोशिकाओं के अपघटन का कार्य करता है। अर्थात् जब किसी कोशिका के सभी अंग कार्य करने बंद कर देते है तो लाइसोसोम फट जाता है और वह मृत कोशिका नष्ट हो जाती है और फिर से नई कोशिका का निर्माण हो जाता है। इसलिए लाइसोसोम को आत्म हत्या थैली या कोशिका का एटम बम्ब भी कहा जाता है। RBC में लाइसोसोम नहीं पाए जाते है। इसलिए RBC अपना जीवन काल समाप्त होने के बाद प्लिहा में जा कर नष्ट हो जाती है। जिस कारण प्लीहा/तिल्ली को RBC का कब्र कहते है।
जीवद्रव्य किसे कहते हैं ?

दोस्तों जीवद्रव्य की खोज कुरकिन्जे की थी। जिसमें 80 प्रतिशत जल पाया जाता है। इसलिए यह रंगहीन होता है। कोशिका के जीवन की भौतिक इकाई जीवद्रव्य को कहा जाता है, इसलिए इसे जीवन देने वाला द्रव्य अर्थात् जीवद्रव्य कहतें है। जिसे अंग्रेजी में Proto Plasm कहतें है। यह एक तरल गाढ़ा पदार्थ होता है। इसे जीवन का आधार भी कहा जाता है। क्योंकि सभी जैविक क्रियाएँ इसी द्रव के अन्दर होती है। अगर जीवद्रव्य में पाए जाने वाले 80 प्रतिशत जल में से 1 प्रतिशत जल की कमी होगी तो जीव को प्यास लगेगी। अगर इसमें से 10 प्रतिशत जल की कमी हो जाएगी तो जीव की मृत्यु हो जाएगी।
जीवद्रव्य के प्रकार
दोस्तों जीवद्रव्य निम्न दो प्रकार का होता है:
- कोशिका द्रव्य(Cyto Plasm)
- केन्द्रिका द्रव्य(Nucleo Plasm)
कोशिका द्रव्य क्या है ?
अगर जीवद्रव्य कोशिका के अन्दर तथा केन्द्रक केे बाहर पाया जाएगा तो उसे कोशिका द्रव्य कहतें है। यह कोशिका को सूखने से बचाता है।
केन्द्रिका द्रव्य क्या है ?
अगर जीवद्रव्य कोशिका के केन्द्रक के अन्दर पाया जाएगा तो उसे केन्द्रिका द्रव्य कहतें है।
सिलिया और कशाभिका किसे कहते हैं ?

दोस्तों सिलिया और कशाभिका केवल जन्तु कोशिका में ही पाया जाता है, पादप कोशिका में नहीं पाया जाता। यह बाल के समान एक संरचना होती है जो कोशिका के बाहर की ओर पायी जाती है। यह कोशिका के स्थानान्तरण और गति में सहायता प्रदान करती है। इसी के साथ यह पोषण का काम भी करता है चूँकि यह पोषक पदार्थ से पोषण का अपने अन्दर अवशोषण कर लेती है। इस बाल के जैसी संरचना, जो बड़े बाल की तरह होगी, उसे कशाभिका तथा जो छोटी बाल की तरह होगी, उस सिलिया कहा जाता हैै। इसके अतिरिक्त सिलिया और कशाभिका के द्वारा स्पर्म को गति करने के लिए भी सहायता प्रदान करती है ताकि वह मादा अण्डाणु तक पहुँच सके।
लवक किसे कहते हैं ?
दोस्तों पादप कोशिका का सबसे बड़ा भाग लवक होते है। जो केवल पादप कोशिकाओं में ही पाए जाते है तथा जंतु कोशिकाओं में नहीं पाए जाते।
लवक के प्रकार
दोस्तों लवक को भी पुनः तीन भागों में विभाजित किया गया है जो निम्न प्रकार है:
- हरित लवक(Chloro Plast)
- अवर्णित लवक(Leuco Plast)
- वर्णित लवक(Cromo Plast)
हरित लवक क्या है ?
यह हरे रंग का होता है। अतः यह पादपों की पतियों और तनें में पाया जाता है तथा भोजन निर्माण का कार्य करता है।
अवर्णित लवक क्या है ?
यह रंग प्रदान नहीं करता है। यह पादपों की जड़ में पाया जाता है। यह हरित लवक के द्वारा बनाए गए भोजन का संग्रहित करने का कार्य करता है।
वर्णित लवक क्या है ?
दोस्तों ये लवक न ही तो भोजन बनाते है और न ही भोजन का संग्रहण करतें है बल्कि ये भोजन को रंग प्रदान करने का कार्य करतें है। जिन्हें हम वर्णित लवक कहतें है। इसके उदाहरण निम्न प्रकार है:
- गाजर का लाल रंग – केरोटीन
- चुकंदर का बैंगनी रंग – बीटानोन
- टमाटर का लाल रंग – लाइकोपेन
- फलों का पीला रंग – जेन्थोफिल
गुणसूत्र किसे कहते हैं ?

दोस्तों कोशिका के केन्द्रक में गुणसूत्र उपस्थित होतें है। जिनकी संख्या 46 होती है। जो 23 जोड़ों में उपस्थित रहतें है। गुणसूत्र में RNA, DNA और जीनस उपस्थित रहतें है। गुणसूत्रों के द्वारा ही शरीर निर्माण की महत्वपूर्ण क्रिया की जाती है। गुणसूत्र की खोज वाल्डेयर ने की थी। इसके उपरी भाग को सेटेलाइट तथा मध्य भाग को सेंट्रोमर कहतें है। पुरूषों में 44+2(X,Y) और महिलाओं में 44+2(X,X) प्रकार के गुणसूत्र पाए जातें है।
- इनके नीचले भाग को टेलोमर कहतें है।
- इनके बीच के धागे के समान संरचना पायी जाती है जिसे ARM कहते हैं।
- गुणसूत्र केन्द्रक के अन्दर पाए जाते है।
- फिर गुणसूत्र के अन्दर DNA होता है।
- और DNA के अन्दर जीन्स पाए जाते है।
- इन जीन्स पर माता-पिता के गुण पाए जाते है। अतः जीन्स को अनुवांशिकता के आधार कहा जाता है।
कुछ जीवों के क्रोमोसोम या गुणसूत्र
- जीवाणु – 1
- मटर – 14
- प्याज – 16
- मक्का – 20
- टमाटर – 24
- मेढ़क – 26
- नींबू – 18(छोटा) ,36(बड़ा)
- मानव – 46
- आलू – 48
- चिपांजीं – 48
- तंबाकू – 48
- टेरिडोफाइटस – 1600(सर्वाधिक)
नोटः कोशिका शरीर का सबसे छोटा अंग नहीं है, बल्कि यह शरीर की सबसे छोटी इकाई है।
जन्तु कोशिका और पादप कोशिका में अन्तर
जन्तु कोशिका | पादप कोशिका |
कोशिका का आकार छोटा और गोल होता है। | कोशिका बड़ी और चपटी अर्थात् चैकोर आकार की होती है। |
रिक्तिकाओं का आकार छोटा होता है। | रिक्तिकाओं का आकार बड़ा होता है। |
जन्तु कोशिका में सिलिया और कशाभिकाएँ पाई जाती है। | बल्कि पादप कोशिकाओं में सिलिया और कशाभिकाएँ नहीं पाई जाती है। |
लाइसोसोम उपस्थित होते है। | लाइसोसोम अनुपस्थित होते है। |
जन्तुओं में कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है। | बल्कि पादपों में कोशिका भित्ति पाई जाती है। |
लवक नहीं पाए जातें है। जबकि इनमें लवक पाए जातें है। | लवक के रूप में हरित लवक मुख्य भुमिका निभाते है। |
जन्तु कोशिका और पादप कोशिका में समान्ताएँ
- कोशिका भित्ति जन्तु और पादप दोनों में पाई जाती है।
- माइट्रोकांड्रिया जन्तु और पादप दोनों में पाया जाता है।
- राइबोसोम(80s) जन्तु और पादप दोनों में पाया जाता है।
- अन्तः प्रद्रव्यी जालिका दोनों में उपस्थित होती है।
- जन्तु और पादप दोनों कोशिकाओं में गोल्यीकाय उपस्थित रहता है।
- केन्द्रक जन्तु और पादप दोनों कोशिकाओं में पाया जाता है।
- सेंट्रोसोम दोनों कोशिकाओं में पाया जाता है।
कोशिका विभाजन – Koshika Vibhajan in Hindi
“किसी एक कोशिका का टूटकर दो या दो से अधिक कोशिकाओं का निर्माण कर देना ही कोशिका विभाजन(Cell Division) कहलाता है।” जिस कोशिका का विभाजन होता है उसे मातृ कोशिका कहते हैं तथा विभाजन के बाद बनने वाली नई कोशिका को पुत्री कोशिका कहते हैं।
- जन्तुओं में कोशिका विभाजन Centrosome करता है।
- पादपों में कोशिका विभाजन Cell Plate द्वारा होता है।
कोशिका विभाजन के प्रकार
कोशिका विभाजन के तीन प्रकार है जो निम्न प्रकार है:
- असूत्री विभाजन(Amitosis)
- समसूत्री विभाजन(Mitosis)
- अर्द्धसूत्री विभाजन(Meiosis)
कोशिका के प्रश्न – Koshika ke Question
मस्तिष्क में केंसर होने का क्या कारण है ?
उत्तर: जैसा कि हम जानते है कि मस्तिष्क में कोशिका विभाजन नहीं होता है। फिर भी मस्तिष्क में केंसर कैसे होता है, तो दोस्तों मस्तिष्क की 90 प्रतिशत कोशिकाएँ विभाजन नहीं करती है जिनमेें तारककाय नहीं पाया जाता है। जबकि मस्तिष्क में 10 प्रतिशत Glial कोशिकाएँ पायी जाती है। जिनमें तारककाय पाया जाता है। अगर ये कोशिकाएँ जल्दी-जल्दी विभाजन करना आरम्भ कर दे और अनियंत्रित हो जाए तो मस्तिष्क में भी केंसर उत्पन्न हो जाता है। जिसे ब्रेन टयूम्र भी कहा जाता है।
सर्वाधिक गुणसूत्र किसमें पाए जातें है ?
उत्तर: टेरीडोफाइटस में सर्वाधिक गुणसूत्र पाए जातें है। जिनकी सख्या 1600 होती है।
कोशिका को शरीर की सबसे छोटी इकाई क्यों कहा जाता है ?
उत्तर: इकाई उसे कहा जाता है जो अपने सभी कार्य स्वयं कर सकती है। चूँकि कोशिका के अन्दर पाए जाने वाले अंगों के द्वारा सभी प्रकार की क्रियाएँ की जाती है जिससे वह कोशिका के जरूरत के कार्य कर देते है। इसलिए यह शरीर की सबसे छोटी इकाई है।
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हमने कोशिका(Cell in Hindi) के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त की। मुझे आशा है कि आपने Koshika Kise Kahate Hain के बारे में अच्छे से पढ़ा होगा। अगर आपका कोई प्रश्न है तो आप नीचे काॅमेन्ट बाॅक्स में पूछ सकतें है। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें तथा इसी तरह की बेहतरीन जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
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