हैल्लों दोस्तो ! कैसे है आप सभी ? मुझे आशा है कि आप सभी अच्छे होंगें। तो दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम तंत्रिका तंत्र (Nerve Cell in Hindi) के बारे में जानने वाले है। जिसमें हम तंत्रिका कोशिका के प्रकार (types of neurons) और कार्य (function of neuron) को अच्छे से समझेंगें। और इसी के साथ अंत में कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन भी करेंगें। तो चलिए दोस्तो बढ़ते आज के आर्टिकल की ओर।
तंत्रिका कोशिका (न्यूराॅन) (Nerve Cell in Hindi)
- यह संदेशों का संवहन करने वाली मूल इकाई है। इस तंत्रिका कोशिका के सुमाकृतिक सिरे द्वारा सूचनाएँ उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया द्वारा यह एक विद्युत आवेग पैदा करती है। यह आवेश दु्रमिका से कोशिकाकाय तक जाता है।
अन्त में विद्युत आवेश कुछ रसायनों का विमोचन करता है। ये रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की दु्रमिका में इसी तरह का विद्युत आवेग प्रारंभ करते हैं। यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है। इसी तरह का एक अंतग्रंथन (सिनेप्स) अन्ततः ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं, जैसे कि पेशी कोशिकाओं या ग्रंथि तक ले जाता है।
इस प्रकार कोई भी तंत्रिका कोशिका सीधी दूसरी तंत्रिका कोशिका से जुड़ी हुई नहीं होती है। इनके बीच कुछ रिक्त स्थान होता है, जिसमें बहुत ही समीप का संवहन होता है। इसे अन्तग्रंथन कहते है।
तंत्रिका कोशिका के प्रकार (Types of Neurons in Hindi)
तंत्रिका कोशिका (न्यूराॅन) तीन प्रकार की होती है –
- संवेदी तंत्रिका कोशिका
- प्रेरक तंत्रिका कोशिका
- बहुध्रुवी तंत्रिका कोशिका
तो चलिए इनके कार्यों को समझते है।
- शरीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
- यह मष्तिक से आदेशों को पेशियों तक पहुँचाती है।
- यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरह और मस्तिष्क से पेशिओं की ओर ले जाने का कार्य करती है।
तो दोस्तों अब हम तंत्रिका कोशिका के कार्यों को समझेंगें।
तंत्रिका कोशिका (न्यूराॅन) के कार्य (Function of Neuron in Hindi)
- ये कोशिकाएँ उद्दीपन या प्रेरणा संवहन के लिए विशिष्ट होती है।
- ये उद्दीपनों को संवेदी अंग से मेरूरज्जू या मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
- तंत्रिकीय नियंत्रण द्वारा उन क्रियाओं का नियंत्रण तथा नियमन तुरंत होता है।
- अनुक्रिया का प्रसारण मेरूरज्जू या मस्तिष्क से कार्यकारी अंग की ओर यह द्रुत गति से करती है।
तो दोस्तों अब हम एक तंत्रिका से दूसरी तंत्रिका के जुड़ने के बारे में जानने वाले है। तो जरा से इसे भी ध्यान से समझें।
सिनैप्स
एक न्यूरान के एक्साॅन के अंतिम छोर की शाखाएँ, दूसरे न्यूराॅन के डेन्ड्राइट्स से जुड़कर सिनैप्स बनाती है।
सिनैप्स के कार्य
- यह सूचना को एक तंत्रिका-कोशिका से अगली तंत्रिका कोशिका में पहुँचाता है।
- ⇒यह सुनिश्चित करता है कि तंत्रिका आवेग केवल एक ही दिशा में चलेगा।
- यह सभी आवेगों के प्रभावों को जोड़कर सूचना संसाधन में सहायता करता है।
- ⇒यह निम्नस्तरीय उद्दीपनों को आगे न बढ़ने देकर हटा देता है।
महत्त्वपूर्ण प्रश्न (Related Nerve Cell in Hindi)
- मनुष्य के शरीर में सबसे लम्बी कोशिका है –
(अ) हाथी की कोशिका (ब) पैर की कोशिका
(स) तंत्रिका कोशिका® (द) इनमें से कोई नहीं
- तंत्रिका उत्तक की इकाई है –
(अ) एस्साॅन (ब) न्यूराॅन®
(स) गुच्छिका (द) कोशिकाय
- ‘एक जीन एक एन्जाइम’ सिद्धान्त प्रतिपादित किया था –
(अ) वाटसन वक्रिक ने (ब) हरगोविन्द खुराना ने
(स) वीडल व टैटम ने® (द) मार्गन ने
- मनुष्य में कुल कितनी हड्डियाँ पाई जाती है ?
(अ) 212 (ब) 206®
(स) 200 (द) 220
- प्रोटीन बने होते है –
(अ) अमीनों अम्लों से® (ब) कार्बोहाइड्रेट से
(स) वसा से (द) उपर्युक्त सभी
- मनुष्य के शरीर में पसलियों के कितने जोड़े होते है –
(अ) 20 (ब) 12®
(स) 11 (द) 16
तो दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हमने तंत्रिका कोशिका के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुझे आशा है कि आपको यह आर्टिकल पंसद आया होगा। तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर करें। और इसी तरह की बेहतरीन जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
धन्यवाद !
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Muje bahut accha lga thank you so much for everything and aapke notes bahut helpful hai