दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हम साबुन और अपमार्जक के बारे में जानेंगें। जिसमें हम साबुन और अपमार्जक में क्या अन्तर( Difference Between Soap and Detergent) है ? साबुन कैसे बनता है ? अपमार्जक कैसे बनता है() ? साबुन और अपमार्जक बनाने की विधि(manufacturing of soaps and detergents) ? और अंत में कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का अध्ययन करेंगें। तो चलिए जानते है।
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साबुन और अपमार्जक (Soaps and Detergents)
दोस्तो डिटरजेन्ट(Detergent) लैटिन भाषा का शब्द है जिसका अर्थ होता है to wipe clean अर्थात् स्वच्छ करने वाला। साबुन तथा अपमार्जकों को निम्नलिखित प्रकार से बनाया जाता है।
साबुन (Soaps)
कार्बोक्सिलिक अम्लों/उच्च वसीय अम्लों के सोडियम तथा पोटैशियम लवणों को ही साबुन कहते है।
या
Soap Banane ki Vidhi
एक लम्बी हाइड्रोकार्बन श्रृंखला वाले उच्च वसीय अम्लों के सोडियम अथवा पोटैशियम लवण होते है। ये वसा अम्लों को सोडियम हाइड्राॅक्साइड या पोटैशियम हाइड्राॅक्साइड के जलीय विलयन के साथ गर्म करके बनाए जाते हैं। यह क्रिया साबुनीकरण कहलाती है।
Sabun Banane Ka Formula
दोस्तो इस विधि से प्राप्त साबुन को सोडियम क्लोराइड मिलाने से अलग कर लिया जाता है। केवल उच्च वसीय अम्लों के सोडियम और पोटैशियम लवणों से बने साबुन ही जल में विलेय होते है। इनमें भी पोटैशियम साबुन अधिक मृदु होते हैं, इसका उपयोग शेविंग क्रीम, शैम्पू आदि बनाने में किया जाता है। पारदर्शी साबुन बनाने के लिए ग्लिसरीन का प्रयोग किया जाता है।
साबुन मृदुजल में सफाई का काम करता है परन्तु कठोर जल में साबुन सफाई नहीं करता है क्योंकि कठोर जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम के लवण होते है। जो साबुन के साथ क्रिया कर सोडियम आयन को प्रतिस्थापित कर कैल्शियम एवं मैग्नीशियम के लवण बन जाते है। ये लवण जल में अघुलनशील होते हैं जो सफाई का कार्य नहीं करते।
अपमार्जक (Detergents)
दोस्तो अपमार्जक साबुन के जैसे ही होते हैं परन्तु कठोर तथा मृदु दोनों ही प्रकार के जल में कार्य करते हैं।
कार्बोक्सिलिक अम्लों/उच्च वसीय अम्लों के सल्फोनेट कणों को अपमार्जक कहते है।
या
ये सोडियम एल्किल सल्फेट तथा सोडियम एल्किल बेंजीन सल्फोनेट के लवण होते है।
जब इन अपमार्जकों का कठोर जल के साथ उपयोग करते हैं तो कठोर जल में उपस्थित कैल्शियम एवं मैगनीशियम आयन अपमार्जकों के सोडियम आयन को प्रतिस्थापित कर देते हैं। जिससे कैल्शियम या मैगनीशियम सल्फोनेट बनाते हैं। ये सल्फोनेट्स जल में घुलनशील होते हैं। इस प्रकार ये सफाई का कार्य करते हैं।
अपमार्जकों से जल प्रदूषण(Water pollution from Detergents) –
इन संश्लेषित अपमार्जकों के द्वारा प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है क्योंकि जीवाणु इनका आसानी से अपघटन नहीं कर पाते हैं।
त् समूह अर्थात् कम शाखित वाले हाइड्रोकार्बन श्रृंखला का जीवाणुओं द्वारा अपघटन या निम्नीकरण आसानी से होता है। अतः लंबी व कम शाखित हाइड्रोकार्बन शृंखला वाले बेंजीन सल्फोनेट अपमार्जक के रूप में प्रयोग किए जाते है। वर्तमान में, अपमार्जकों की क्षमता एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इनमें अकार्बनिक फाॅस्फेट, सोडियम परआॅक्सीबोरेट तथा कुछ प्रतिदिप्त यौगिक मिलाये जाते है।
मिसेल निर्माण एवं साबुन से शोधन क्रिया (Micelle Making and Soap Refining)
मिसेल निर्माण (Micelle Formation) –
साबुन(जैसे-सोडियम स्टिएरेट) में मिसेल का बनना निम्न प्रकार होता है –
सबसे पहले सोडियम स्टिएरेट (साबुन) के अणुओं का जल में आयनन होता है।
इसे इस प्रकार भी लिखते हैं।
यहाँ हाइड्रोकार्बन पूँछ जो कि जल विरोधी होती है। तथा ध्रुवीय सिरा जो कि जल स्नेही होती है, ये भाग इस प्रकार से व्यवस्थित होते हैं कि हाइड्रोकार्बन भाग अंदर तथा ऋणावेशित ध्रुवीय सिरा बाहर की ओर होता है। इसे मिसेल कहते है। सोडियम स्टिऐरेट की एक मिसेल में लगभग 70 से 100 आयन होते है।
मिसेल संरचना (Micelle Structure)
इस प्रकार साबुन से प्राप्त मिसेल की बाहरी सतह ऋणावेशित होती है। जिस कारण मिसेल ऋणावेशित होते है।
साबुन से शोधन क्रिया (Cleaning Action of Soap) –
दोस्तो ! साबुन को जब तेल की बूँद या चिकनाई युक्त कपड़ो पर प्रयोग किया जाता है तो साबुन के अणु तेल बूँद या चिकनाई युक्त पदार्थ को चारों ओर से घेर कर मिसेल बनाते हैं। इस मिसेल के दो भाग होते हैं। जिसमें जल विरोधी हाइड्रोकार्बन भाग चिकनाई को विलेय कर लेता है तथा दूसरा जलस्नेही ध्रुवीय भाग बाहर की ओर रहता है। इस प्रकार चिकनाई को चारों ओर से घेर कर मिसेल बन जाता है। बाहरी सिरे पर उपस्थित ध्रुवीय भाग जल में विलेय होता है और सम्पूर्ण चिकनाई जल में विलेय हो जाती है।
मिसेल प्रयोग (Micelle Experiment)
इस प्रकार सभी मिसेल ऋणावेशित होते हैं अतः अवक्षेपित नहीं होते हैं। इस प्रकार जब गंदे कपड़े को साबुन लगाने के बाद पानी में डालकर निकाला जाता है तो गंदगी कपड़े से बाहर पानी में आ जाती है।
महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Question Related to Soaps & Detergents)
- साबुन कार्य करता है ?
उत्तर: मृदु जल में
- मिसेल निर्माण में हाइड्रोकार्बन पूँछ होती है –
उत्तर: अंदर की तरफ
- अपमार्जक की कोई एक विशेषता बताइए –
उत्तर: अपमार्जक् कठोर जल एवं मृदु जल दोनों में सफाई का कार्य करते है।
- साबुन द्वारा शोधन क्रिया में साबुन के अणु तेल की बूँदों के चारों ओर क्या बनाते हैं ?
उत्तर: मिसेल
- कठोर जल में साबुन सफाई का कार्य नहीं करता है, क्यों ?
उत्तर: कठोर जल में केल्शियम तथा मैग्नेशियम के आयप उपस्थित होने के कारण साबुन सफाई का कार्य नहीं करता है।
- पारदर्शी साबुन बनाने के लिए किसका उपयोग किया जाता है ?
उत्तर: ग्लिसरीन
Difference Between Soap and Detergent
- साबुन और अपमार्जकों में अन्तर(Difference Between Soap and Detergent) लिखिए।
उत्तर:
क्रमांक | साबुन | अपमार्जक |
1. | साबुन लम्बी शृंखला वाले वसा अम्लों का सोडियम लवण होता है। | संश्लिष्ट अपमार्जक, लम्बी शृंखला वाले ‘बेंजीन, सल्फोनिक अम्ल का सोडियम लवण’ या लम्बी श्रेणी वाले ‘ऐल्काॅहल हाइड्रोजन सल्फेट का सोडियम लवण’ होता है। |
2. | साबुन कठोर जल के साथ झाग नहीं बनाता। | अपमार्जक कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करता है। |
3. | साबुन को वनस्पति तेल या जन्तु वसा से बनाया जाता है। | संश्लिष्ट अपमार्जक कोयले तथा पेट्रोलियम के हाइड्रोकार्बन से बनते हैं। |
4. | साबुन जल प्रदूषण नहीं फैलाता है। | अपमार्जक जल प्रदूषण फैलाता है। |
5. | साबुन का शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। उदा: हाथों का गलना | जबकि अपमार्जक का शरीर पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता। |
तो दोस्तो आपको आज का साबुन और अपमार्जक(Soaps & Detergents) का विषय समझ में आ गया होगा। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तो के साथ में शेयर जरूर करें। काॅमेंट बाॅक्स में अपना कीमती सुझाव अवश्य देवें। साथ ही हमारे साथ इसी प्रकार जुड़े रहें। ताकि आप आने वाले आर्टिकल को पढ़ कर अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकें।
धन्यवाद !
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