हैल्लो दोस्तों आज के आर्टिकल में हम हाइगेन्स के तरंग सिद्धान्त (Wave theory of hedges) के बारे में अध्ययन करने वाले है। जिसमें हम निम्न विषयों का अध्ययन करेंगें :
- हाइगेन्स सिद्धान्त किसने प्रतिपादित किया ?
- हाइगेन्स सिद्धान्त कब प्रतिपादित किया गया ?
- हाइगेन्स सिद्धान्त क्या है ?
- हाइगेन्स सिद्धान्त की परिभाषा
- तरंगाग्र के प्रकार
- हाइगेन्स सिद्धान्त का सत्यापन
- अपवर्तन व परावर्तन नियमों की व्याख्या
Table of Content
हाइगेन्स का तरंग सिद्धान्त (Wave theory of Hedges)
प्रकाश के तरंग सिद्धान्त का प्रतिपादन हालैण्ड के वैज्ञानिक हाइगेन्स ने सन् 1678 ई. में किया था।
हाइगेन्स के अनुसार :-
‘‘प्रकाश तरंगों के रूप में चलता है।’’
‘ये तरंगें प्रकाश स्रोत से निकलकर सभी दिशाओं में प्रकाश की चाल से चलती है।’ अगर आपको नहीं पता की निर्वात में प्रकाश की चाल कितनी होती है। तो आप निन्म को पढ़े:
निर्वात में प्रकाश की चाल = 3×108 मीटर/सैकण्ड
दोस्तों हाइगेन्स ने इस सिद्धान्त में प्रकाश के माध्यम को ‘‘ईथर’’ के रूप में समझा और कल्पना की। जिसे हाइगेन्स ने ईथर को भारहीन कहा। हाइगेन्स ने बताया कि ईथर का घनत्व बहुत कम होता है। और जब यह प्रकाश तरंगे आँख की रेटिना पर गिरती है तो हमें वस्तु दिखाई देने लगती है।
तो चलिए अब हम हाइगेन्स का तरंग सिद्धान्त को परिभाषा सहित समझते है। जिसे हम अब वैज्ञानिक रूप से हल भी करेंगें।
हाइगेन्स का तंरगिका सिद्धान्त
इस सिद्धान्त के अनुसार प्रकाश उत्सर्जित करने वाला प्रत्येक स्रोत तरंगिका कहलाता है। इस तंरगिका से उत्पन्न प्रकाश तरंगों की कला माध्यम के जिन बिन्दूओं पर एक समान होती है उन्हे मिलाकर बनाया गया पृष्ठ तरंगाग्र कहलाता हैं।
अतः किसी माध्यम में प्रकाश का संचरण तरंगाग्र के रूप में होता है।

तरंगाग्र के प्रकार
तरंगाग्र के तीन प्रकार निम्न है:
- समतल तरंगाग्र
- गोलीय तरंगाग्र
- बेलनाकार तरंगाग्र
गोलीय तरंगाग्र
गोलाकार प्रकाश स्रोत के लिए तरंगाग्र की प्रकृति भी गोलाकार होती है।

बेलनाकार तरंगाग्र
रेखिय आकृति के प्रकाश स्रोत के लिए तरंगाग्र की आकृति बेलनाकार होती है।

अपवर्तन व परावर्तन नियमों की व्याख्या
हाइगेन्स के सिद्धान्त के अनुसार अपवर्तन नियम की व्याख्या :-

माना कोई समतल तरंगाग्र PQ निर्वात तथा किसी माध्यम के पृथ्थककारी तल पर आपतित होता है। तो बिन्दू Q को तल से टकराने के लिए तय की गई अतिरिक्त दूरी BC=ct होगी।
इसी समयान्तराल t में बिंदू A द्वितिय माध्यम में vt दूरी तय कर जाता है।
∆ABC में :-
∆ADC में :-
समीकरण (1) में समीकरण (2) का भाग देने पर
हाइगेन्स सिद्धान्त के अनुसार परावर्तन नियमों की व्याख्या :-

∆ABC व ∆ADB में:-
∵∆ABC व ∆ABD सर्वांगसम हैं
Questions Related to Hedge’s theory
- प्रकाश के तरंग सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया था ?
उत्तर: हाइगेन्स ने (हालैण्ड के वैज्ञानिक)
- प्रकाश के तरंग सिद्धान्त का प्रतिपादन कब किया गया ?
उत्तर: 1678 ई. में
तो दोस्तों आज हमने हाइगेन्स सिद्धान्त के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। और हमारे साथ बने रहें।
धन्यवाद !
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