हैल्लो दोस्तों! आज हम वनस्पति विज्ञान के एक महत्वपूर्ण टाॅपिक के बारे में अध्ययन करने वालें है, जिसमें हम पादप संग्रहालय क्या है (What is Herbarium in Hindi) और भारत और विश्व के प्रमुख पादप संग्रहालय कौन-कौन से है, के बारे में चर्चा करेंगें। तो चलिए बढ़तें है आज के आर्टिकल की ओर…
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पादप संग्रहालय क्या है – What is Herbarium in Hindi

संग्रहालय किसी वस्तु के संग्रहण के लिए तैयार किए जाते है इसी प्रकार पादप की विभिन्न जातियों जो कि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में पाई जाती है, को पादप संग्रहालयों में संग्रहित करके रखा जाता है। ताकि इनका भविष्य में भी अध्ययन किया जा सकें, इन्हें ही पादप संग्रहालय कहा जाता है।
पादप संग्रहालय को हरबेरियम भी कहा जाता है। हरबेरियम शब्द एक वचन है। इसका बहुवचन रूप हरबेरिया है।
दोस्तों यह हरबेरियम पादपों का ऐसा संग्रह है जिसमें पौधों को सुखाकर, दबाकर, कागजों पर, वर्गीकरण की किसी मान्य पद्धति के अनुसार क्रमबद्ध करके भविष्य में अध्ययन हेतु रखा जाता है।
पादप संग्रहालय की परिभाषा
परिभाषा: ‘‘ऐसे संग्रहालय जिनमें शुष्क एवं परिरक्षित पादप प्रतिरूपों का संकलन व भण्डारण, विशेष वर्गीकरण पद्धति के आधार पर किया जाता है, उसे पादप संग्रहालय या हरबेरियम कहतें है।’’
महत्व: पादप संग्रहालयों के द्वारा भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में पाये जाने वाले पौधों के विषय में समग्र जानकारी प्राप्त होती है।
पादप संग्रहालय के उद्देश्य
- पादप संग्रहालय अथवा हरबेरियम को स्थापित करने के पीछे प्रमुख उद्देश्य है, अर्जित ज्ञान को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाना। यहाँ अनेक दुर्लभ पादपों को संरक्षित कर रखा जाता है।, जिससे भविष्य में भी उनका अवलोकन एवं अध्ययन किया जा सके।
- हरबेरियम से पादपों के तुलनात्मक अध्ययन में सहायता प्राप्त होती है। अनेक बार पौधों की संरचना का ज्ञान उनके चित्र फोटो, विवरण एवं रेखाचित्रों द्वारा भी नहीं हो पाता है। उस स्थिति में यह आवश्यक है कि पादप प्रतिरूपों की तुलना उनके चित्र अथवा विवरण से की जाए। यह तुलनात्मक अध्ययन तभी हो सकता है जब पादप संग्रहालय में रखे पादप हरबेरियम शीट के रूप में सुरक्षित एवं संरक्षित हों। इसलिए पौधों की पहचान हेतु पादप संग्रहालय बहुत आवश्यक है।
हरबेरियम इतिहास और स्थापना
भारत में पादप वर्गिकी के क्षेत्र में सुव्यवस्थित अध्ययन एंव अन्वेषण कार्य 19वीं शताब्दी के अन्त में हुकर द्वारा रचित ग्रंथ ‘‘फ्लोरा आॅफ ब्रिटिश इण्डिया’’ के प्रकाशन के साथ ही प्रारम्भ हो गया था। भारत में हरबेरियम स्थापित करने के कार्य में पहल भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण कोलकाता ने की। तत्पश्चात् अनेक संस्थाओं और विश्वविद्यालयों ने भी हरबेरियम स्थापना की। आज भी हमारे देश के वैज्ञानिक उन्नति में अपना बहुमूल्य योगदान कर रहे है।
भारत के प्रमुख पादप संग्रहालय
- दी सेन्ट्रल नेशनल हरबेरियम कोलकाता
- राष्ट्रीय वानस्पतिक शोध संस्थान का हरबेरियम या पादप संग्रहालय, लखनऊ
- वन अनुसंधान संस्थान पादप संग्रहालय, देहरादून
- वनस्पतिविज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय का पादप संग्रहालय
- पादप संग्रहालय-वनस्पतिविज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
1. दी सेन्ट्रल नेशनल हरबेरियम कोलकाता
दी सेण्ट्रल नेशनल हरबेरियम केवल भारत ही नहीं अपितु एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा हरबेरियम है, जिसकी स्थापना विलियम राॅक्सबर्ग ने सन् 1793 में की थी। इस पादप संग्रहालय में लगभग चार लाख से भी अधिक पादप प्रतिरूप परिरक्षित हैं। इस हरबेरियम में भारत के अतिरिक्त यूरोप, अमेरिका, चीन, आस्ट्रेलिया व जापान इत्यादि देशों के पादप प्रतिरूप भी हरबेरियम शीट्स से परिरक्षित हैं। यहाँ पुष्पीय पौधों के अतिरिक्त अनेक फन्र्स, जिम्नोस्पम्र्स एवं कुछ टनय अपुष्पी पादप समूहों के प्रतिरूप भी परिरक्षित किये गये हैं।
2. राष्ट्रीय वानस्पतिक शोध संस्थान का हरबेरियम या पादप संग्रहालय, लखनऊ
राष्ट्रीय वानस्पतिक शोध संस्थान हमारे देश का महत्वपूर्ण हरबेरियम है, जिसकी स्थापना 1948 में की गयी थी। इस पादप संग्रहालय में लगभग एक लाख से अधिक पादप प्रतिरूप शीटों में परिरक्षित हैं। हरबेरियम के अतिरिक्त राष्ट्रीय वानस्पतिक उद्यान की अन्य इकाइयाँ जैसे-पुस्तकालय, वृहद् ग्रीन हाउस, पेलिनोलाॅजी, पादप कार्यिकी एवं ऊतक संवर्धन प्रयोगशाला इत्यादि भी पादप अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
3. वन अनुसंधान संस्थान पादप संग्रहालय, देहरादून
सर्वप्रथम इस हरबेरियम की स्थापना ब्रिटिश सरकार द्वारा सन् 1874 में देहरादून में की गई थी। इसका वर्तमान प्रारूप सन् 1908 में सुस्थापित हुआ। आज की परिस्थितियों में यह पादप संग्रहालय देश के सबसे बड़े संग्रहालयों में सेन्ट्रल नेशनल हरबेरियम, कोलकता के बाद दूसरे नम्बर पर आता है। यहाँ लगभग 3,50,000 पादप प्रतिरूप परिरक्षित है। अन्य देशों जैसे-पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तिब्बत एवं म्यांमार के पादप प्रतिरूप भी यहाँ परिरक्षित हैं।
4. वनस्पतिविज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय का पादप संग्रहालय
यह उत्तर भारत का एक प्रमुख पादप संग्रहालय है, जहाँ लगभग 30,000 पादप प्रतिरूप परिरक्षित हैं।
5. पादप संग्रहालय-वनस्पतिविज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर
इस पादप संग्रहालय की स्थापना सन् 1965 में हुई थी। यहाँ राजस्थान एवं अन्य पड़ौसी राज्यों से एकत्र लगभग 40,000 पादप प्रतिरूप संचित हैं। इस पादप संग्रहालय के अन्तर्गत शोधकर्ताओं ने राजस्थान के विभिन्न भागों की वनस्पति का अध्ययन किया है।
भारत के महत्वपूर्ण पादप संग्रहालय
क्र.स. | नाम | प्रतिरूप संख्या |
1. | दी सेन्ट्रल नेशनल हरबेरियम कोलकाता | 4 लाख |
2. | राष्ट्रीय वानस्पतिक शोध संस्थान का हरबेरियम या पादप संग्रहालय, लखनऊ | 1 लाख |
3. | वन अनुसंधान संस्थान पादप संग्रहालय, देहरादून | 3 लाख |
4. | वनस्पतिविज्ञान विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय का पादप संग्रहालय | 30 हजार |
5. | पादप संग्रहालय-वनस्पतिविज्ञान विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर | 40 हजार |
विश्व के महत्वपूर्ण पादप संग्रहालय
क्र.स. | नाम | प्रतिरूप संख्या |
1. | राॅयल बाॅटेनिक गार्डन, क्यू, इंग्लैण्ड | 60 लाख |
2. | बी.एल. कोमोरोव बाॅटेनिक इन्स्टीट्यूट | 50 लाख |
3. | ब्रिटिश म्यूजियम आॅफ नेचुरल हिस्ट्री, लन्दन | 40 लाख |
4. | पेरिस बाॅटेनिक गार्डन | 1 करोड़ |
5. | हावर्ड यूनिवर्सिटी केम्ब्रिज | 50 लाख |
6. | इण्डियन बाॅटेनिक गार्डन, कोलकाता | 25 लाख |
तो दोस्तों आज हमने पादप संग्रहालय (Herbarium in Hindi) और भारत और विश्व के प्रमुख पादप संग्रहालयों के बारे में जानकारी प्राप्त की। अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और इसीप्रकार की बेहतरीन जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
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