हैल्लो दोस्तो ! कैसे है आप सभी ? मुझे आशा है कि आप अच्छे होगें। तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम कार्य, ऊर्जा और शक्ति (Work Power and Energy in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें। जिसके लिए हमारे द्वारा नोट्स तैयार किए गए है। जिनका अध्ययन हम आज के आर्टिकल में करेंगें। तो चलिए दोस्तों बढ़ते है आज के आर्टिकल की ओर।
कार्य, ऊर्जा और शक्ति (Work Power and Energy in Hindi)
तो दोस्तों सबसे पहले हम ऊर्जा को अच्छे से समझेंगें जिससे कार्य और शक्ति (Work & Power) को समझना बिल्कुल ही आसान हो जाएगा। तो चलिए जानते है कि ऊर्जा क्या है (what is energy) ?
ऊर्जा (Energy in Hindi)
परिभाषा (Energy Definition) : वस्तु के कार्य करने की क्षमता को, ऊर्जा Energy कहते है।
- यह एक अदिश राशि है। इसका S.I. मात्रक जूल है।
- किसी वस्तु द्वारा किये गये कार्य का कुल योग ऊर्जा होता है इसलिए इसकी इकाई कार्य के समान ही होती है।
पारस्परिक तौर पर ऊर्जा को दो भागों में विभाजित किया गया है।
- गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy in Hindi)
- स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy in Hindi)
सबसे पहले हम जानेंगे की गतिक ऊर्जा क्या है (what is kinetic energy) ?
गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy in Hindi)
परिभाषा (Kinetic Energy Definition) : जब कोई वस्तु, गति के बल पर कार्य करती है तो इसे गतिज(kinetic) ऊर्जा कहा जाता है। या किसी वस्तु की गति के कारण उत्पन्न ऊर्जा को गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) कहते है। इसे K.E. से प्रदर्शित करते है।
यहाँ ‘m’ वस्तु का द्रव्यमान है जो कि प्रारम्भिक वेग ‘v’ द्वारा गति करती है।
Kinetic Energy Examples
- तीव्र गतिमय इलेक्ट्राॅन, बहते पानी, हवा का बहना, कार की चाल, Shooting Arrow आदि में गतिज ऊर्जा होती है।
- विद्युत ऊर्जा, विकिरण ऊष्मा, प्रकाश ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा, गतिज ऊर्जा से संबंधित नहीं है।
तो दोस्तों अब हम जानेंगे की स्थितिज ऊर्जा क्या है (what is potential energy) ?
स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy in Hindi)
परिभाषा (potential energy definition) : जब कोई वस्तु, अपनी स्थिति या विन्यास के बल पर कार्य करती है तो इसे वस्तु की स्थितिज ऊर्जा कहते है। या किसी वस्तु की स्थिति के कारण उत्पन्न ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) कहलाती है। इसे P.E. से प्रदर्शित करते है।
Formula for Potential Energy (स्थितिज ऊर्जा)
यहाँ ‘m’ द्रव्यमान, ‘h’ ऊचाई तथा ‘g’ गुरुत्वीय त्वरण है। यहाँ वस्तु को गुरुत्वीय त्वरण के विरूद्ध उठाया जाता है।
Potential Energy (स्थितिज ऊर्जा) Examples
- जब कोई वस्तु/पिण्ड पृथ्वी की सतह पर उपस्थित हो तो वस्तु और पृथ्वी के निकाय के बीच की स्थितिज ऊर्जा का मान शून्य रहता है।
- ⇒जब कोई पिण्ड/वस्तु ऊपर की ओर गति करती है जिससे वस्तु/पिण्ड की पृथ्वी से ऊँचाई में वृद्धि होती है तो यहाँ, पृथ्वी और वस्तु के निकाय के बीच स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होती है।
- जब वस्तु/पिण्ड पृथ्वी की ओर नीचे गिरता है। जब स्थल से वस्तु के बीच की ऊँचाई में कमी आती है। इसलिए वस्तु और पृथ्वी के तंत्र के बीच की स्थितिज ऊर्जा में कमी आ जाती है।
- ⇒जब, घड़ी की स्प्रिंग में चाबी दी जाती है तब इसका विन्यास बदल जाता है व स्थितिज ऊर्जा संरक्षित रहती है, चाबी खुलने पर, घड़ी के स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा एवं गतिज ऊर्जा में परिवर्तन आ जाता है।
- इसी के समान, धनुष, बाण को खींचना, बन्दूक के घोड़े की स्प्रिंग को खींचना, गुलेल को खींचना, बाँधों द्वारा ऊँचाई पर जल संचित करना आदि उदाहरण – स्थिजि ऊर्जा के ही है।
तो दोस्तों अब हम जानेंगे की उर्जा संरक्षण क्या है (What is Conservation of Energy) ?
ऊर्जा संरक्षण नियम (Energy conservation rule in Hindi)
नियम (Principle of Conservation of Energy) : ऊर्जा प्रावस्था के संरक्षण नियम में ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। इसे केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। किसी तंत्र की कुल ऊर्जा सदैव नियत रहती है। इसे ही ऊर्जा संरक्षण नियम (law of conservation of energy) कहते है।
उदाहरणत : ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में, स्थितिज ऊर्जा से गतिज ऊर्जा में या गतिज ऊर्जा से स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है।
- चुम्बकीय ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा, नाभिकीय ऊर्जा एवं स्थिर वैद्युत ऊर्जा आदि सभी स्थितिज ऊर्जा के रूप में ही होती है।
यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy in Hindi)
परिभाषा : स्थितिज ऊर्जा तथा गतिज ऊर्जा का योग यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है। या किसी वस्तु की स्थितिज उर्जा और गतिज उर्जा के द्वारा उत्पन्न उर्जा यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है।
- दैनिक जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले सभी यांत्रिक संसाधन यांत्रिक ऊर्जा पर ही कार्य करते है।
दोस्तों ऊर्जा को अच्छे से समझने के लिए हमें ऊर्जा से संबंधित अधिक से अधिक उदाहरणों को ज्ञान होनो जरूरी है। तो चलिए ऊर्जा के आन्तरिक रूपान्तरण के उदाहरणों को समझते है।
ऊर्जा के आन्तरिक रूपान्तरण के उदाहरण
- जब हाथों को रगड़ा जाता है तब यांत्रिक ऊर्जा, घर्षण के द्वारा ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाती है।
- जब दो पत्थरों को टकराया जाता है तब यांत्रिक ऊर्जा ऊष्मा व प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- पत्थरों को काटने/पीसने के लिए आरी का प्रयोग करने पर यांत्रिक ऊर्जा, उष्मा, प्रकाश और ध्वनि में परिवर्तित होती है।
- जब ब्रेकों का प्रयोग, गतिशील पहियों के विरुद्ध किया जाता है तब यांत्रिक ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा में बदल जाती है।
- जब धनुष से बाण को खींचा जाता है तब यांत्रिक ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। व बाण के छूटने पर। इसकी स्थितज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है।
- बाँधों में पानी में स्थितिज ऊर्जा होती है जब जल को मुक्त किया जाता है तब बहते/मुक्त जल में गतिज ऊर्जा होती है, बहते हुए पानी की गतिज ऊर्जा, टरबाइन की पत्तियों को घुमाने से यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। टरबाईन की यांत्रिक ऊर्जा की डायनेमो विद्युत ऊर्जा में बदल देती है।
- टाॅर्च के स्विच/कुंजी को ON करने पर रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है। इस विद्युत ऊर्जा का प्रवाह तन्तु के माध्यम में होने से यह ऊष्मा और प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- विद्युत ऊर्जा में विद्युत चुम्बकीय परिवर्तन, चुम्बकीय ऊर्जा में होता है।
- विद्युत ऊर्जा का प्रवाह, विद्युत मोटर या पंखे के द्वारा होने पर यह यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। इसका कुछ अंश ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है।
- ध्वनि ऊर्जा का प्रवाह स्पीकर द्वारा होने पर यह ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- विद्युत हीटर, ओवन, गीजर में विद्युत ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- भाप इंजन में, भाप की ऊष्मा ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- विद्युत जनरेटर में, यांत्रिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
internal Energy Examples
- प्रकाश वोल्टिक सेल में प्रकाश ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में बदल जाती है।
- टेलीविजन में विद्युत ऊर्जा, ध्वनि और प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- ईंधन के जलने पर इसकी रासायनिक ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- माचिस में, इसकी तीली, घर्षण के कारण, रासायनिक ऊर्जा, ऊष्मा और प्रकाश में परिवर्तित हो जाती है।
- जब पटाखों को विस्फोटित किया जाता है तब रासायनिक ऊर्जा, ऊष्मा, प्रकाश और ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के दौरान, प्रकाश ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- बैटरी को आवेशित करते समय विद्युत ऊर्जा, रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- श्वसन क्रिया के दौरान, भोजन की रासायनिक ऊर्जा, ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है, यही ऊष्मा ऊर्जा, हमारे शरीर को गर्म रखती है जब हम चलते/अन्य कार्य करते हैं तब यह ऊष्मा ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- नाभिकीय संलयन के विखण्डन के दौरान, नाभिकीय ऊर्जा, अन्तिम रूप से ऊष्मा और प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- पूर्ण भरे टैंक/टंकी में पानी भरने के दौरान, विद्युत पम्प द्वारा विद्युत ऊर्जा, जल की गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- पूर्ण भरे टैंक/टंकी में पानी भरने के दौरान, विद्युत पम्प द्वारा विद्युत ऊर्जा, जल की गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
- ऊर्जा के उपयोगी रूप से अनुपयोगी रूप में परिवर्तित होने की घटना को ऊर्जा का क्षय होने से जानते है।
- सूर्य, हाइड्रोजन परमाणुओं के संलयन से अत्यधिक विशाल मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश ऊर्जा का उत्पादन करता है।
तो दोस्तों अब तक हमने ऊर्जा के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर ली है। अब हम कार्य और शक्ति को बिल्कुल आसानी से समझ सकते है। तो चलिए सबसे पहले जानते है कि कार्य क्या है (What is Work) ?
कार्य (Work in Hindi)
परिभाषा (Work Definition Physics) : ‘‘जब बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में विस्थापित कर दिया जाता है तो हम कहते हैं कि कार्य किया गया है।’’ या किसी वस्तु पर बल लगाकर उसकी स्थिति में परिवर्तिन होने पर वह कार्य (Work) कहलाता है।
Work Done Formula
- कार्य = बल × बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन
S.I. Unit of Work
- कार्य एक अदिश राशि है इसका S.I. मात्रक न्यूटन मीटर होता है जिसे जूल (Joule) कहा जाता है और संकेत जे द्वारा व्यक्त किया जाता है।
अब हमने कार्य के बारे में भी जान लिया है अब हम जानेंगें कि शक्ति क्या है (What is Power) ?
शक्ति (Power in Hindi)
परिभाषा (Power Definition) : कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपान्तरण की दर को शक्ति (Power) कहते हैं।
यदि कोई अभिकर्ता “t” समय में “w” कार्य करता है तो शक्ति का मान निम्न होगा –
जहाँ “P” = शक्ति, “W” = कार्य और “t” = समय है।
- शक्ति का मात्रक वाट है तथा इसका प्रतीक W है।
- यह मात्रक जेम्स वाट के सम्मान में रखा गया है।
- 1 वाट = 1 जूल/सैकण्ड, 1 अश्व शक्ति = 746 वाट है।
- ऊर्जा स्थानान्तरण की उच्च दरों को किलोवाट(KW) में व्यक्त करते है – 1 किलोवाट बराबर 1000 वाट
जूल ऊर्जा का बहुत छोटा मात्रक है। इसलिए हम ऊर्जा का एक बड़ा मात्रक उपयोग में लाते है। जिसे किलोवाट घंटा (KWh) कहते है। इस प्रकार एक किलोवाट घंटा (1Kwh) ऊर्जा की वह मात्रा है जो 1 किलोवाट के किसी स्रोत को एक घंटे तक उपयोग करने में व्यय होगी।
- घरों में, उद्योगों में तथा व्यावसायिक संस्थानों में व्यय होने वाली ऊर्जा को प्रायः किलोवाट घंटा में व्यक्त करते है।
होता है।
तो दोस्तों अब तक हमने ऊर्जा, कार्य शक्ति को अच्छे से समझा। अब हम इनमें संबंध का अध्ययन करेंगें।
कार्य, ऊर्जा एवं शक्ति (Work Power and Energy in Hindi)
- ⇒कार्य तथा ऊर्जा की इकाई एवं विमा दोनों ही समान होते है।
- कार्य = बल × विस्थापन ×
- अतः अगर बल और विस्थापन के बीच 90 डिग्री कोण बनता है तो कार्य शून्य कहलाता है।
क्योंकि,
गतिज ऊर्जा = ½ × द्रव्यमान × (वेग)2 = ½mv2
स्थितिज ऊर्जा = द्रव्यमान × g × ऊंचाई = mgh
- ऊर्जा संरक्षण के अनुसार कुल ऊर्जा अपने सभी रूपान्तरित ऊर्जा प्रारूपों के योग के बराबर होती है।
- ऊपरी वायुमण्डल, सूर्य से प्रतिवर्ग मीटर 1.36 KJ/s ऊर्जा प्राप्त करता है। लेकिन ऊर्जा का केवल 47 प्रतिशत ही पृथ्वी की सतह पर पहुँच पाता है।
- 1 कैलोरी बराबर 4.186 जूल (J)
- सर्वप्रथम पेट्रोल इंजन, अगस्ट ऑटो ने एवं डीजल इंजन रूडोल्फ डीजल ने बनाया था। डीजल इंजन में पेट्रोल इंजन की तरह Spark Plug तथा Carburettor की जरूरत नहीं होती है।
अब हम कुछ उपकरणों के बारे में जानेंगें जो ऊर्जा को रूपान्तरित कर देते है।
ऊर्जा रूपान्तरित करने वाले उपकरण
- डायनेमो – यांत्रिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरण
- विद्युत मोटर – विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलना
- माइक्रोफोन – ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना
- लाउडस्पीकर – विद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा में बदलना
- विद्युत सेल – रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलना
कार्य, ऊर्जा एवं शक्ति (Work Power and Energy in Hindi) से संबंधित सवाल
1.) 60 W का एक विद्युत बल्ब प्रतिदिन 6 घंटे उपयोग किया जाता है। बल्ब द्वारा एक दिन में खर्च की गई ऊर्जा की ‘यूनिटों’ का परिकलन कीजिए।
हल: विद्युत बल्ब की शक्ति = 60 वाट
= 0.06 Kw
समय = 6 घंटे
ऊर्जा = शक्ति × लिया गया समय
= 0.06 Kw × 6 घंटे
= 0.36 KWh यानि 0.36 यूनिट
बल्ब द्वारा 0.36 यूनिट खर्च होगी।
2.) 10 किलोग्राम द्रव्यमान की एक वस्तु को धरती से 6 मीटर की ऊँचाई तक उठाने में व्यय की गई ऊर्जा का आकलन कीजिए। (यदि g=9.8 मी/सै2)
हल: स्थितिज ऊर्जा = mgh
= 10 kg × 9.8 m/s2 × 6 m
= 588 J
स्थितिज ऊर्जा 588 जूल होगी।
3.) 15 किलोग्राम द्रव्यमान की एक वस्तु 4 मी./सैकण्ड के एकसमान वेग से गतिशील है। वस्तु की गतिज ऊर्जा होगी ?
हल: गतिज ऊर्जा EK = ½mv2
=½ × 15 kg ×4 m/sec2
=120 J
वस्तु की गतिज ऊर्जा 120 जूल होगी।
तो दोस्तों इन सवालों को करने के बाद में हम कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों की ओर बढ़ते है। जो परिक्षा की दृष्टि से उपयोगी साबित होंगें।
महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions in Hindi)
- कार्य का मात्रक क्या है ?
उत्तर: जूल
- ऊर्जा का मात्रक क्या है ?
उत्तर: जूल
- किसी वस्तु पर किया गया कार्य किस पर निर्भर नहीं करता है ? एक कारक बातइए।
उत्तर: अंतिम वेग पर
- चाबी भरी घड़ी में कौनसी ऊर्जा होती है ?
उत्तर: स्थितिज ऊर्जा
- जब एक वस्तु की गति दुगुनी कर दी जाए तो उस वस्तु की गतिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर: गतिज ऊर्जा चैगुनी हो जाएगी।
- विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में रूपान्तरित करने का साधन है –
उत्तर: विद्युत मोटर
- विद्युत शक्ति का मात्रक क्या है ?
उत्तर: वाट
- हमारे घरों में भेजी जाने वाली विद्युत की वोल्टता एवं आवृत्ति कितनी होती है ?
उत्तर: 220 वोल्ट, 50 हर्ट्स
- ट्रांसफार्मर का उपयोग क्यो किया जाता है ?
उत्तर: प्रत्यावर्ती वोल्टता के मान में परिवर्तन करे हेतु
- 2000 वाट के हीटर को आधे घंटे काम में लाने पर व्यय हुई विद्युत ऊर्जा कितनी होगी –
उत्तर: ऊर्जा = शक्ति × समय
= 2000 W × ½ घंटा
⇒ 1000 W घंटा
= 1 किलो वाट घंटा = 1 यूनिट
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